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UGC ने किया तय, नवंबर से शुरू होगा काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में नया शैक्षणिक सत्र

नई दिल्ली। काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में भले ही सितंबर से एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, मगर नया शैक्षणिक सत्र नवंबर से ही जाकर प्रारंभ हो पाएगा। हालांकि, एडमिशन प्रारंभ होने को लेकर अभी डेट फाइनल नहीं किया गया है। मगर एचआरडी मिनिस्ट्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक फायनल ईयर, फायनल सेमेस्टर के रिजल्ट नहीं आ जाते, तब तक काॅलेजों और विश्वविद्यालयों को एडमिशन विंडो ओपन रखना होगा।

एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल की अध्यक्षता में मंगलवार शाम को मंत्रालय, यूजीसी समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। इसी बैठक में यह फैसला लिया गया है कि जेईई मेन और नीट 2020 परीक्षा का रिजल्ट जारी होने तक दिल्ली विश्वविद्यालय समेत देश के सभी विश्वविद्यालयों को अपनी एडमिशन विंडो ओपन रखनी होगी, ताकि कोई भी छात्र उच्च शिक्षा में दाखिले से बंचित न रहे।

जाहिर है, मानव संसाधन मंत्रालय ने काॅलेजों, विश्वविद्यालयों के फायनल ईयर, फायनल सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए 30 सितंबर तक परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है। सितंबर एंड तक अगर परीक्षा चलती रही, तो निश्चित तौर पर अक्टूबर के आखिरी तक रिजल्ट आएगा। इसको देखते एचआरडी मिनिस्ट्री और यूजीसी ने तय किया है कि नवंबर से काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू किया जाए।

यूजीसी कमीशन की बैठक के तहत संशोधित गाइडलाइन आने के कारण अब दिल्ली
विश्वविद्यालय में ओपन बुक एग्जाम 15 अगस्त के बाद होंगे। डीयू प्रशासन को दस जुलाई से शुरू होने वाली परीक्षा एक महीना स्थगित करने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ने डीयू ओपन बुक एग्जाम मामले में छात्रों की दिक्कतों पर यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से विस्तार से रिपोर्ट ली। इसी के तहत केंद्रीय मंत्री ने यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिया है कि 15 अगस्त के बाद परीक्षा आयोजित की जाए।
एक महीने में ओपन बुक एग्जाम को लेकर अपनी तैयारी जांचें कि क्या यह संभव है। इसके अलावा छात्रों को भी परीक्षा की तैयारी का मौका मिल जाएगा। जिन छात्रों के पास इस ऑनलाइन परीक्षा देने का साधन नहीं है, वे भी अपनी तैयारी कर लें।
हालांकि 15 अगस्त के बाद जब डीयू प्रशासन ओपन बुक एग्जाम पर अपनी तैयारी के आधार पर शेड्यूल जारी करेगा, उससे पहले एक रिपोर्ट मंत्रालय को भी देनी होगी। इसमें बताना होगा कि छात्रों को इससे किसी प्रकार की परेशानी तो नहीं होगी।

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