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वाहन अपने लिए खुद ऊर्जा पैदा कर लेंगे : डा. पटनायक

रायपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी), रायपुर के एक शोधार्थी ने ऐसी तकनीक ईजाद की है, जिसके प्रयोग से वाहन अपने लिए खुद ऊर्जा पैदा कर लेंगे। जैसे ही वाहन का पहिया घूमेगा, उससे ऊर्जा उत्पन्न् होगी। इस तकनीक से वाहन की हेडलाइट जलेगी और म्यूजिक सिस्टम, सेंसर बोर्ड, सैल्फ स्टार्ट आदि चलेंगे। इसे इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग विभाग के डा. एस. पटनायक ने तैयार किया है। उन्होंने बताया कि यह पीजो विल तकनीक है। अभी इसे 200 किलोग्राम वजनी वाहन में लगाया जाएगा। जैसे-जैसे वाहनों का वजन बढ़ेगा, इससे और अधिक ऊर्जा उत्पन्न होगी। इस शोध को पेटेंट मिल गया है।

पीजो विल तकनीक से 200 किलो वाहन के पहिये एक बार घुमने पर 10 वाट ऊर्जा करेंगे उत्पन्न
डा. पटनायक का कहना है कि इस तकनीक से भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों में बार-बार चार्जिंग की परेशानी से भी छुटकारा मिलेगा। तकनीक में बदलाव की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एक बार पहिया घूमने पर 10 वाट ऊर्जा उत्पन्ना होती है। इस तकनीक को लगाने का खर्च 2,000 रुपये तक आता है.

तकनीक ऐसे करती है काम
पीजो विल तकनीक के माध्यम से पहिये और रिम के बीच घेरे में करीब आठ से 10 पीजो इलेक्ट्रिक यंत्र लगाए जाते हैं। इन्हें विद्युतीय तार के माध्यम से वाहन में अल्ट्रा कैपेसिटर लगाकर उससे जोड़ दिया जाता है। पहियों के घूमने पर ऊर्जा उत्पन्ना होकर अल्ट्रा कैपेसिटर में एकत्र होती है। एकत्र ऊर्जा बैटरी के माध्यम से वाहनों के विभिन्ना यंत्रों का संचालन करती है।

वाहनों में पहली बार ऐसी तकनीक
डा. पटनायक ने बताया कि पीजो इलेक्ट्रिक तकनीक एयरपोर्ट के ट्रैक पर होती है। जैसे ही विमान नीचे उतरता है, पहियों के घूमने से ऊर्जा उत्पन्ना होती है। इससे वहां लाइट जलती है। यहीं से वाहनों के पहियों में पीजो इलेक्ट्रिक तकनीक इस्तेमाल करने के बारे में सोचा गया। शोध के परिणाम भी शत-प्रतिशत रहा। इसे पीजो विल तकनीक नाम दिया गया।

akhilesh

Chief Reporter

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