राजनांदगाव में हुई अनोखी शादी, बेटी- दामाद को दहेज में दिए सात पौधे और 1100 सीड बाल
राजनांदगाव। शहर के कान्हारपुरी वार्ड में साहू परिवार में अनोखी शादी हुई, जो चर्चा का विषय बन गई। आमतौर पर शादी ब्याह में उपहार के तौर पर महंगे सामान देने का चलन है, लेकिन इस शादी में सात फेरों के साथ सात पौधे व 1100 सीड बाल गिफ्ट के तौर पर दुल्हन के घर वालों ने अपने दामाद को सौंपा है। इस तरह बिना दहेज के शादी के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
बालोद जिले के दल्लीराजहरा से बारात लेकर कान्हारपुरी पहुंचे दूल्हे जैनेंद्र सिंह ने बालोद जिले के ग्रीन कमांडो विरेन्द्र सिंह व पर्यावरण प्रेमी भोज से प्रेरित होकर इस तरह का सोच अपने ससुराल वालों के सामने रखी। जिसे दुल्हन पुष्पा के पिता लोकनाथ सिंह व माता सरस्वती देवी ने सहजता से स्वीकार किया और दूल्हा-दुल्हन को उनके प्रत्येक फेरे में एक-एक आम, अमरूद, नीम, कटहल, हर्रा, बहेरा व मुनगा का पौधा दिया। विदाई के समय 1100 सीड बाल भी दिए। जिसका बारिश के दिनों में खाली जगह पर छिड़क़ाव करेंगे। कुछ साल पहले विरेन्द्र और भोज ने भी अपनी शादी में इसी तरह अपने ससुराल वालों से पौधे मांगे थे।
एक कदम पर्यावरण संरक्षण के दिशा में
इस पहल को लोग प्रेरणा लेने वाली बात बता रहे हैं। विश्व में पर्यावरण को बचाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं, उसमें इस तरह की परंपरा और पहल पर्यावरण संरक्षण का संदेश लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही है। इस पहल की शादी में शामिल हुए मेहमानों ने तारीफ की।
पौधों को खेत-खलिहान में रोपित करेंगे, बड़ा करेंगे
दूल्हा जैनेन्द्र ने बताया कि उपहार स्वरूप मिले पौधे को अपने खेत-खलिहान में रोपित कर सुरक्षित रखते हुए पेड़ बनाएंगे। उन्होंने बताया कि इस तरह पेड़-पौधे मांगे जाने पर उनके ससुराल पक्ष वाले थोड़ा अचंभित हुए थे, लेकिन बाद में सहजता पूर्वक स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि आम लोग भी इसी तरह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे आए और काम करे।
मंडप को भी ग्रीन थीम पर सजाया
दुल्हन के घर वालों ने शादी भवन में पंडाल से लेकर अन्य डेकोरेशन ग्रीन रंग में सजाया था, ताकि पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे सकें। वहीं शादी में आए मेहमानों द्वारा भी अधिकतर महिलाएं हरे रंग की साड़ी व पुरुष वर्ग हरे रंग के शर्ट या बंगाली पहने हुए थे।