प्रदेश के अस्पतालों के बेड समाप्ति की कगार पर! दिन दुगनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ रहा कोरोना
रायपुर | कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के नतीजे अब सामने आने लगे हैं। प्रदेश में कोरोना मरीजों के लिए सबसे ज्यादा बेड राजधानी के अस्पतालों में हैं, लेकिन यहां के बड़े अंबेडकर अस्पताल और एम्स मरीजों से लगभग पैक हो गए हैं। माना कोविड अस्पताल दो दिन पहले खुला है और वहां मुश्किल दर्जनभर बेड ही बच गए हैं। तकरीबन दो माह से बंद लालपुर कोविड अस्पताल बुधवार को खुलना था, लेकिन सुबह इस अस्पताल से लगी लैब के दो कर्मचारी पाजिटिव निकल गए और अस्पताल नहीं खुल पाया। हालांकि अफसरों का दावा है कि लैब में पाजिटिव निकलने का अस्पताल खुलने से कोई संबंध नहीं है। अंबेडकर-एम्स और माना में अब इक्का-दुक्का बेड ही खाली हैं, इसलिए बुधवार की शाम से ही मरीजों को रावांभाठा ईएसआईसी अस्पताल में भर्ती करने का सिलसिला शुरू हो गया, जहां लगभग 188 बेड हैं। लालपुर में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित एक परिसर को मई में कोविड अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया था। वहां अस्पताल के लायक इंफ्रास्ट्रक्चर है। इस परिसर के अस्पताल भवन में बेड तथा दूसरे इंतजाम करने में स्वास्थ्य विभाग ने लाखों रुपए खर्च कर दिए। 20 जून को यह शुरू होना था, लेकिन सारी सुविधाओं के बावजूद इसे बंद रखा गया। इस अस्पताल के बुधवार को खोलने की बात आई, लेकिन कोरोना संक्रमण निकलने की वजह से यह खुल नहीं पाया। हालांकि हेल्थ अफसरों का दावा है कि जरूरत पड़ने पर इसे कभी भी खोल दिया जाएगा। जिस लैब के दो कर्मचारी कोरोना पाजिटिव मिले, वह अस्पताल से कुछ दूर है, इसलिए इस घटनाक्रम से अस्पताल प्रभावित नहीं होगा।
ईएसआईसी-लालपुर ही विकल्प-
रावांभाठा का ईएसआईसी अस्पताल दो दिन पहले ही शुरू किया गया है। इस अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर सरकारी है, लेकिन इसका संचालन और सिस्टम निजी हाथों में सौंपा गया है। यहां मरीजों का राशन कार्ड पर मुफ्त इलाज का सिस्टम है। अगर किसी मरीज के पास राशन कार्ड नहीं है तो उससे रोजाना फिक्स 1448 रुपए ही लिए जाएंगे। यही अकेला अस्पताल है, जहां अब ज्यादा मरीजों को भर्ती करने की जगह बाकी है। इसी तरह, माना कोविड अस्पताल दो दिन पहले दोबारा शुरू किया गया, लेकिन यहां भी 80 बेड भर चुके हैं। माना जा रहा है कि अब रायपुर में ईएसआईसी अस्पताल और लालपुर अस्पताल के अलावा दूसरा विकल् नहीं बचा है।
एम्स-अंबेडकर में बढ़ेंगे बेड-
कोरोना मरीजों का इलाज सबसे पहले शुरू करने वाले एम्स अस्पताल में अभी 225 से ज्यादा मरीज हैं। यहां 200 बेड गंभीर व अतिगंभीर कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व रखे गए हैं। फिलहाल प्रदेश के सबसे बड़े कोविड सेंटर यानी अंबेडकर अस्पताल में 500 बेड हैं, जिनमें से 450 में मरीज भर्ती हैं और इलाज चल रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए एम्स में बिस्तर क्षमता 500 और अंबेडकर अस्पताल में बिस्तरों की क्षमता 700 करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
जरूरत हुई तो खोलेंगे –
“लालपुर का कोविड अस्पताल खोलने की तैयारी थी, लेकिन अस्पताल से लगी हुई लैब के दो कर्मचारी पाॅजिटिव निकल गए। हालांकि अस्पताल नहीं खोलने का यह कारण नहीं है। जरूरत पड़ी तो एक-दो दिन में खोल सकते हैं।”