प्रदेश में पहली बार लगेगी राज्य स्तरीय इ -लोक अदालत
बिलासपुर| छत्तीसगढ़ में पहली बार राज्य स्तरीय ई-लोक अदालत शनिवार 11 जुलाई को लगेगी। देश के न्यायिक इतिहास में यह पहली बार है, जब लोक अदालत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो रही है। इसमें पक्षकार और वकील को कोर्ट आने की जरूरत नहीं होगी। घर में बैठे पक्षकारों के बीच आपसी सहमति से मामलों का निराकरण किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश के 3000 से अधिक पक्षकार ऑनलाइन जुड़ेंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने बताया कि ई-लोक अदालत में हाईकोर्ट सहित प्रदेश भर के विभिन्न जिलों की 200 से अधिक खंडपीठों में 3 हजार से ज्यादा मामलों की सुनवाई होगी। ई-लोक अदालत का शुभारंभ सुबह 10.30 बजे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग रूम में चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन करेंगे। इस कार्यक्रम की लाईव स्ट्रीमिंग भी की जाएगी।
हाईकोर्ट सहित सभी जिला और तहसील कोर्ट में होगा आयोजन
जस्टिस मिश्रा ने बताया कि समझौता योग्य प्रकरणों, पारिवारिक मामले, मोटर दुर्घटना दावा, चेक बाउंस के प्रकरण संबंधी मामले लोक अदालत के माध्यम से निराकृत हो जाते है। कोरोना संक्रमण के चलते जब लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो ऐसे मामलों के निराकरण के लिए हाईकोर्ट और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने ई-लोक अदालत लगाने का निर्णय लिया है। इसका आयोजन हाईकोर्ट के साथ सभी जिला और तहसील कोर्ट में होगा।
पक्षकारों को दिया गया लिंक, व्हॉट्सएप से भी जुड़ सकेंगे
जस्टिस मिश्रा ने बताया कि पक्षकारों की ओर से ई-लोक अदालत के माध्यम से समझौते के लिए जब फार्म भरे गए, उसी समय उन्हें लिंक उपलब्ध कराया गया। इस लिंक के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट से जुड़ सकेंगे। पक्षकारों और वकीलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यदि जुड़ने में दिक्कत होगी तो उन्हें यह भी सुविधा दी गई है कि वे व्हॉट्सएप वीडियो कॉल कर अपना पक्ष रख सकेंगे। सफल रहा तो आगे भी जारी रहेगा।