FEATUREDLatestNewsछत्तीसगढ़रायपुर

चिरमिरी में बिना उपयोग के खाली पड़े जमीनों का मृदा परीक्षण कर कृषि कार्य किया जावे – डोमरु रेड्डी

महेश प्रसाद -चिरिमिरी-कोरिया | पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने छतीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष एवं भारत सरकार के पूर्व कृषि तथा खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री डॉ. चरणदास महन्त से सौजन्य मुलाकात कर, चिरिमिरी में कोयला उत्पादन के बाद बिना उपयोग के खाली पड़े भूमि का कृषि उपयोग हेतु मृदा परीक्षण कराने व कृषि के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष संभावनाओं के तलाश हेतु विशेषज्ञों की टीम भेजकर सही तथा वास्तविक अग्रिम कार्यवाही करने की मांग की है। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा है कि पास के जशपुर में वहाँ के वातावरण के अनुरूप जिस तरह से चाय की अच्छी पैदावार की जा रही है, उसी तरह हमारे चिरमिरी के जमीन, पानी तथा आवोहवा में भी क्या हो सकता है, उसका पता लगाकर यहाँ के बेरोजगारों के लिए कृषि आधारित रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए।

अपने पत्र में पूर्व महापौर श्री रेड्डी ने कहा है कि चिरमिरी कोयला उत्पादन में लगा कोल इंडिया के उपक्रम एसईसीएल के लीज होल्ड एरिया वाला पहाड़ीनुमा प्राकृतिक सौंदर्य बिखेरने वाला एक सुंदर शहर है, जिसके कारण राज्य सरकार ने इसे पर्यटन शहर के रूप में चिन्हित भी किया है। जहाँ वर्तमान समय में खदानों से कोयला उत्पादन के प्राकृतिक स्त्रोतों के घटने व मशीनीकरण के कारण यहां के कोयला खदानों की संख्या में हो रही कमी एवं लगातार हो रही सेवानिवृत्ति तथा नए रोजगार के अवसर न बढ़ा पाने की नीतिगत दिक्कतों के कारण यहां के लोग अपने पैतृक गृहग्राम की ओर पलायन करने के लिए मजबूर हैं, जिसके कारण अब चिरिमिरी में बढ़ते बेरोजगारी के रोकथाम हेतु स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अन्य विकल्पों वाले स्रोतों को तलाशना आवश्यक हो गया है।

श्री रेड्डी ने पत्र में आगे कहा है कि यहां के लीज व नान लीज होल्ड क्षेत्रों को चिन्हाकित कर चिरमिरी के निवासियों को उनके वर्षो पुराने मकानों व दुकानों का मालिकाना हक दिलाने सरगुजा विकास प्राधिकरण में निर्णय पारित होकर कार्यवाही प्रगतिरत है। ऐसे में जरूरत है, यहाँ के स्थायित्व के लिए कृषि के वैकल्पिक स्वरूपों का चिन्हाकन कर, लोगों का सही मार्गदर्शन करने की। इस संदर्भ में अपने विचारों से अवगत कराते हुए उन्होंने कहा है कि चिरमिरी के निवासी अपने घरों व बगानों में सब्जी, भाजी, गोभी व टमाटर के अलावा आम, अनार, अमरूद, कटहल, नारियल, काजू, सीताफल यहाँ तक कि रुद्राक्ष और सेव आदि उत्पादित कर रहे हैं, जिससे यह प्रमाणित होता है कि यहां की जमीन काफी उपजाऊ है। मात्र इस भू – भाग के परीक्षण व मार्गदर्शन के आभाव में इस पर ध्यान नही दिया गया।

चिरमिरी के स्थायित्व के लिए सतत रूप से प्रयासरत पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि औद्योगिक शहर चिरिमिरी की जनसंख्या गिरावट रोकने व यहां की नई पीढ़ी को कृषि से जोड़ने के लिए कोयला उत्पादन के बाद अनुपयोगी पड़ी उबड़ खाबड़ जमीन का मृदा परीक्षण कर इस भूमि में क्या – क्या उत्पादन हो सकता है, इसका निर्धारण करने के लिए विशेषज्ञों की टीम भेजा जावे, ताकि यहां कृषि की संभावना उतपन्न की जा सके। श्री रेड्डी ने अपने इस पहल से आशा व्यक्त किया है कि इस पहल से हमारे जैसे सभी कोयला क्षेत्रों में पलायन की समस्या का निपटारा करने के साथ ही साथ स्थानीय मेहनतकश लोगों को पूर्ण आत्मनिर्भरता के साथ रोजगार के श्रोत भी उत्पन्न किये जा सकेंगे, जो हमारे वर्तमान के साथ – साथ भविष्य के पीढ़ियों के लिए एक वरदान साबित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow Us

Follow us on Facebook Follow us on Twitter Subscribe us on Youtube