शिक्षा विभाग में घोटाला…. अकेले जैजैपुर ब्लॉक में 496 शिक्षकों को वसूली के लिए नोटिस,
रायपुर – शिक्षा महकमे में एरियर्स घोटाला सामने आया है। जांजगीर जिले के जैजैपुर ब्लॉक में ही 496 शिक्षकों से करीब 7 करोड़ राशि वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि बड़ी संख्या में शिक्षक सामने आ रहे हैं, जिनका कहना है कि उन्हें एरियर्स की राशि मिली ही नहीं है। उन्होंने बीईओ को पत्र लिखकर सेवा पुस्तिका से मिलान कर पुनर्गणना करने की मांग की है। ऐसे भी मामले हैं, जिनकी नियुक्ति सीधे व्याख्याता के रूप में हुई है। उन्हें वेतन के रूप में जो राशि दी गई है, उसे जमा करने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला कहना है कि जिन शिक्षकों को नोटिस दिया गया है, उनसे अभी वसूली नहीं हुई है। पहले उन्हें जवाब देना चाहिए। इसके बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके मुताबिक जिन्हें गलत तरीके से भुगतान हुआ है और जिन्होंने गलत तरीके से भुगतान किया है, दोनों पर कार्रवाई की जाएगी।
इस मसले पर सर्व शिक्षक संघ ने राज्य शासन से उच्च स्तर पर हस्तक्षेप कर जांच करने की मांग की है, जिससे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो और शिक्षकों के आत्म सम्मान पर किसी तरह की ठेस न आए।
बीईओ ऑफिस की गलती से शिक्षक और पूरा परिवार परेशान
7 करोड़ से ज्यादा राशि के भुगतान के मामले में जैजैपुर बीईओ ऑफिस की भूमिका संदिग्ध है। इस वजह से करीब पांच सौ शिक्षक और उनका परिवार परेशान हो रहा है। इसमें डीईओ ऑफिस के भी कुछ लोगों की मिलीभगत का अंदेशा है। दरअसल, एरियर्स भुगतान से लेकर सेवा पुस्तिका संधारण सब कुछ बीईओ ऑफिस द्वारा होता है। जानकारों का कहना है कि बीईओ ऑफिस की मिलीभगत से कुछ शिक्षकों को गलत तरीके से एरियर्स का भुगतान कर दिया गया। जब यह मामला सामने आया, तब 496 शिक्षकों की सूची जारी कर दी गई। इन शिक्षकों को सिर्फ 7 दिन में राशि लौटाने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। इसमें वे भी परेशान हो रहे हैं, जिन्हें एरियर्स मिला ही नहीं है।
सर्व शिक्षक संघ ने इस पूरी गड़बड़ी के लिए जैजैपुर बीईओ ऑफिस को ही दोषी बताया है। सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने इस संबंध में संयुक्त संचालक को पत्र भी लिखा है। इसके मुताबिक बीईओ द्वारा सौंपे गए गणना पत्रक के आधार पर शिक्षकों को उनके शिक्षाकर्मी के समय की एरियर्स की राशि का भुगता किया गया है। ऐसे में गड़बड़ी के लिए बीईओ दोषी है। शिक्षकों को लंबित वेतन भुगतान, समयमान वेतनमान और पुनरीक्षित वेतनमान की लंबित राशि के रूप में भुगतान किया गया है, फिर भी वसूली के लिए उनका नाम शामिल कर लिया गया है। शिक्षकों की सेवा पुस्तिका के संधारण और सत्यापन का काम विभाग का होता है। ऐसे में शिक्षकों को परेशान करना अनुचित है। दुबे ने कहा कि गड़बड़ी हुई है तो सबसे पहले गणना पत्रक भेजने वाले जैजैपुर बीईओ पर कार्रवाई होनी चाहिए। सभी शिक्षकों को दोषी बनाना गलत है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिला पंचायत जांजगीर द्वारा कभी भी वसूली के संबंध में कोई पत्र जारी नहीं किया गया है, लेकिन डीईओ ने उनके पत्र का संदर्भ दिया है। इस संबंध में जिला पंचायत का स्पष्ट कहना है कि जिन शिक्षकों की एरियर्स की राशि दी गई है, उनकी सूची जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मांगी गई थी। इस तरह पूरे मामले में जान-बूझकर गड़बड़ी करने का भी अंदेशा है।