महिला आयोग के सदस्यों की जल्द की जाएगी नियुक्ति, अगले महीने से बिलासपुर में भी होगी आयोग की सुनवाई…
अमित दुबे – बिलासपुर | महिला आयोग की नई नवेली अध्यक्ष किरणमयी नायक गुरुवार को बिलासपुर में कई कार्यक्रमों में शामिल होंगी। इससे पहले सुबह उन्होंने छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। 1 दिन पहले मुंगेली में कार्यकर्ताओं से मुलाकात और लोरमी में तीज मिलन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रास्ते में रतनपुर में रुक कर मां महामाया के दर्शन कर बिलासपुर पहुंची महिला आयोग को अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि 21 जुलाई को पदभार ग्रहण करने के बाद वह लगातार बैठक लेकर पेंडिंग मामलों को सुलझाने में जुटी हुई है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें विरासत में 550 मामले मिले हैं और अब तक वह दो सुनवाई कर चुकी है। अगले महीने बिलासपुर में इस संबंध में बैठक होनी है, साथ ही नई बॉडी का गठन किया जाना है, जिसके बाद आयोग अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर पाएगा। श्रीमती नायक ने बताया कि आयोग की मंशा निराश, हताश महिलाओं की समस्याओं का निराकरण करना है।
पेशे से वकील होने के नाते वो जानती है की इसमें किस तरह की दिक्कतें आती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि कई मर्तबा महिलाएं कानून का दुरुपयोग भी करती है। खासकर दहेज प्रताड़ना जैसे मामलों में इस तरह की शिकायत आने की बात उन्होंने भी मानी। उन्होंने कहा कि शायद यही वजह है कि इस प्रकार के अपराध में केवल 3% मामलों में ही दोषियों को सजा मिलती है ।उन्होंने कहा कि कई मर्तबा तो दहेज प्रताड़ना के मामले में फसाए गए पुरुष भी उनके पास आवेदन लेकर आ जाते हैं, जबकि महिला आयोग के कार्यक्षेत्र में ऐसे आवेदन को स्वीकार करना संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने सलाह दिया कि अगर इस तरह की शिकायत है तो परिवार की अन्य महिला सदस्य आयोग के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। श्रीमती नायक ने यह भी कहा कि आवश्यक नहीं है कि सभी मामलों में महिलाएं स्वयं आवेदन लेकर आए, आयोग कई बार महत्वपूर्ण मामलों को संज्ञान में लेकर स्वयं सुनवाई करता है ।मुंगेली के चर्चित पवन देव मामले में भी उन्होंने कहा कि 1 दिन पहले उन्हें पीड़ित आरक्षक का आवेदन मिला है। प्रथम दृष्टि में उन्हें लगता है कि इस मामले में कानून का दुरुपयोग करते हुए स्टे लिया गया है और महिला आयोग को लगता है कि महिला आरक्षक के साथ दुष्कर्म हुआ है। इस मामले में उन्होंने जल्द ही कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया है। बिलासपुर में कुछ दिनों पहले एचआईवी पीड़ित बच्चों को शिफ्ट करने के मामले में आप नेता प्रियंका शुक्ला द्वारा पुलिस पर लगाए गए मारपीट के आरोप पर उन्होंने कहा कि यहां शासन के स्तर पर बने बालिका गृह में बच्चों को शिफ्ट किया जा रहा था। शासन स्तर पर बालिका गृह बन जाने के बाद निजी संस्था को इन बच्चों को रखने का अधिकार नहीं था । ऐसे में प्रियंका शुक्ला के कथित आरोपों की जानकारी ना होने के कारण महिला आयोग ने अब तक इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है ।बिलासपुर पहुंची महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि वे लगातार प्रदेश के बड़े शहरों में पहुंचकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रही है। वही लगातार अपने कार्यालय में भी उपस्थित हो रही है। किरणमई नायक ने बताया कि वह हर दिन 6 से 7 घंटे कार्यालय में बैठती है और रायपुर में अब तक 2 सुनवाई भी की गई है। जल्द ही कार्यकारिणी का गठन होने के बाद संभवत अगले महीने से बिलासपुर में भी सुनवाई आरंभ हो जाएगी।