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PF पर निर्भर रहना सही नहीं, भविष्य की जरूरतों के हिसाब से निवेश करना जरूरी…..काम की बात:

– एप्लॉई प्रॉविडेंट फंड (EPF) को रिटायरमेंट फंड तैयार करने का मुख्य साधन माना जाता है। लेकिन बढ़ती महंगाई को देखते हुए रिटायरमेंट के बाद आरामदेह लाइफ बिताने के लिए आपको इसके अलावा भी इनवेस्टमेंट करने की जरूरत होगी। रिटायरमेंट के बाद 20 से 25 साल का खर्च पूरा करने के लिए आपको EPF के अलावा भी इनवेस्टमेंट करना होगा।

नौकरी के शुरुआती सालों में थोड़ा जोखिम लें
आपके लिए महंगाई को मात देने के लिए और अपने लिए पर्याप्त रिटायरमेंट फंड तैयार करने के लिए आपको अपनी नौकरी के शुरुआती सालों में जब आप पर परिवार को दबाव कम हो तक आपको थोड़ा जोखम उठाना चाहिए। ऐसे में आप इक्विटी फंड्स में भी निवेश कर सकते हैं।

इसके अलावा आप म्यूचुअल फंड द्वारा चलाई जा रहीं सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम में भी निवेश कर सकते हैं। जैसे-जैसे आप रिटायरमेंट की ओर बढ़ें तो आप चाहें तो यहां से पैसा निकाल कर कहीं ऐसी जगह निवेश कर सकते हैं जहां जोखिम कम हो।

आपको कितने रिटायमेंट फंड की जरूरत है इसको समझें
भविष्य में आपकी बचत का एक बड़ा भाग मासिक खर्चों में इस्तेमाल होगा। इस राशि को जानने का सबसे आसान तरीका यह है कि वर्तमान में आपका जो भी मासिक खर्च है उसके साथ महंगाई को भी जोड़ लें।

मान लीजिए, इस समय आपका मासिक खर्च 50 हजार रुपए महीना है और मान लेते हैं कि 6% वार्षिक दर से महंगाई लगातार बढ़ रही है। इसका मतलब यह है कि, 20 साल बाद आपको अपने इन्हीं खर्चों को पूरा करने के लिए हर महीने 1.6 लाख रुपए की जरूरत होगी।इसके लिए आपको 2.3 करोड़ रुपए (96 हजार X 12 महीने X 20 साल) जुटाने होंगे । इसके अलावा आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी इमरजेंसी में खर्च के लिए आपके पास अतिरिक्त राशि की व्यवस्था भी रहे। फाइनेंशियल प्लानिंग में जो बात सबसे ज्यादा दोहराई जाती है वह है “कंपाउंडिंग की ताकत”। इसे हासिल करने का सबसे आसान तरीका यह है कि आप अपने पैसे को बढ़ाने के बारे में सोचें।

जल्दी करें शुरुआत
अपनी नौकरी के आखिरी पड़ाव में इतना बड़ा फंड तैयार कर पाना मुश्किल काम हो सकता है। यह आपके दूसरे निवेश लक्ष्यों जैसे बच्चों की पढ़ाई और शादी जैसे लक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है। उदाहरण के लिए, मान लेते हैं आप 25 साल की उम्र से आप हर महीने 4.5 हजार रुपए कहीं ऐसा जगह निवेश करते हैं जहां से आपको 12% के करीब रिटर्न मिल रहा है। तो जब आप 60 साल के होंगे तब आपका रिटायरमेंट फंड 2.3 करोड़ रुपए से भी अधिक का हो जाएगा। वहीं, यदि आप 35 साल की उम्र में अपने रिटायरमेंट के लिए निवेश की शुरुआत करते हैं तो आपको उतनी ही राशि प्राप्त करने के लिए हर महीने करीब 15 हजार रुपए निवेश करने की जरूरत होगी।

EPF पर मिल रहा 8.1% ब्याज
EPF पर इस समय 8.1% ब्याज मिल रहा है। EPF के तहत आपकी सैलरी से कटने वाला 12% पैसा EPF में जमा हो जाता है, और इतना ही नियोक्ता की ओर से भी इसमें किया जाता है। यहां यह भी साफ कर दें कि किसी भी नियोक्ता के हिस्से के 12% योगदान में से 8.33% या 1250 रुपए, जो भी कम हो, का योगदान कर्मचारी पेंशन योजना यानी EPS में होता है। जबकि बाकि 3.67 % राशि का योगदान कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में होता है। ऐसे में इस बात का आंकलन करें कि इससे आपका कितना रिटायमेंट फंड तैयार होगा और आपको चाहिए कितना। इस बात का समय समय पर आंकलन करते रहना चाहिए।

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