FEATUREDLatestNewsछत्तीसगढ़रायपुर

आला अफसरों ने इनडोर स्टेडियम के अस्थायी कोविड अस्पताल का किया जायजा

रायपुर|इंडोर स्टेडियम के अस्थायी कोविड 19  अस्पताल का ड्रेनेज सिस्टम सुधारा जाएगा, ताकि संक्रमितों के उपयोग किए हुए पानी से कोरोना फैलने का खतरा न रहे। इसके अलावा अस्पताल में बेड जिस तरह पास-पास  लगा दिए गए हैं, उसे भी दूर किया जाएगा। कोविड19  अस्पताल का काम शादी के पंडाल व इवेंट में सजावट का काम करने वाली एजेंसी को दिए जाने के खुलासे के बड़ी खलबली मची है। आला अफसरों ने पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से गिनाई खामियों की समीक्षा शुरू कर दी है। उन्हें दूर करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों ने स्पष्ट कर दिया है कि अस्थायी अस्पताल की खामियों को दूर करने के बाद ही उसे टेक ओवर किया जाएगा। ऐसी स्थिति में अब स्मार्ट सिटी की टीम ने खामियों को दूर करने की कवायद शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग को सबसे ज्यादा आपत्ति ड्रेनेज सिस्टम को लेकर है। अभी अस्पताल जिस स्थिति में है, उसमें कोरोना संक्रमितों के उपयोग का पानी सीधे नालियों में जा रहा है। इस पानी से वायरस फैलने का खतरा है। स्वास्थ्य विभाग ने जो नियमावली दी थी, उसके मुताबिक संक्रमितों के उपयोग का पानी ब्लीच और ट्रीटमेंट के बाद ही नाली में बहाया जाना है। उसके बावजूद अस्पताल बनाने वाली एजेंसी ने इसका कोई सिस्टम नहीं बनाया। अस्पताल में बिस्तर पर भी बेहद करीब-करीब लगा दिए गए हैं। अस्पताल के भीतरी हिस्सों का डिजाइन पूरी तरह से शादी पंडाल की तरह कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की इन आपत्तियों का परीक्षण कर एक के बाद एक उन्हें दूर किया जाएगा।

एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपी जा रही

कोविड 19 अस्पताल की खामियों के खुलासे के बाद अब स्वास्थ्य और स्मार्ट सिटी के अफसरों के बीच खींचतान भी शुरू हो गई है। स्मार्ट सिटी के अफसरों में चर्चा है कि कोविड केयर सेंटर बनने के बाद से गुरूवार तक हेल्थ विभाग की टीम ने करीब पांच बार दौरा किया लेकिन इस त्रुटि के बारे में नहीं बताया, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अफसर लगातार कह रहे हैं कि उनकी ओर से अस्पताल के लिए नियमावली दे दी गई थी। ऐसी दशा में बार-बार उसे बताने की जरूरत नहीं थी। प्रोफेशनल एजेंसी से काम नहीं करवाया गया, इस वजह से इतनी खामियां रह गईं। विचारणीय है कि स्मार्ट सिटी ने कोविड केयर सेंटर बनाने का ठेका उस एजेंसी को दे दिया जो शादी पंडाल और सरकारी इवेंट में सजावट का काम करती आ रही है। चूंकि ये एजेंसी स्मार्ट सिटी में इंपेनल्ड एजेंसियों की लिस्ट में शामिल है।

स्मार्ट सिटी इंपेनल किसी भी एजेंसी को बिना टेंडर काम सौंप सकती है, यही वजह है कि बिना टेंडर इस एजेंसी को कोविड19 अस्पताल जैसा महत्वपूर्ण केयर सेंटर बनाने की जिम्मेदारी दे दी गई।पड़ताल में पता चला है कि स्मार्ट सिटी में अलग अलग डिवीजन में लिस्टेड कंपनियों से सालभर में करीब 2 करोड़ रुपये तक के काम करवाये जा सकते हैं। इसके लिए ठेके निकालने की जरूरत तक नहीं पड़ती। केवल अधिकारियों की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मंजूरी से ऐसे काम करवाये जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी की बीओडी में कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं हैं।

लाखों-करोड़ों के दर्जनों छोटे काम, हर माह इसी तरह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow Us

Follow us on Facebook Follow us on Twitter Subscribe us on Youtube