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पहली बार त्योहारी पकवानों में मिलावट की शिकायत आम लोग कर सकेंगे, जांच भी यहीं

छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार इस त्योहारी सीजन में मिलावट की सैंपल की जांच राज्य में ही होगी। इसके पहले दूध, खोया, मिठाई, आटा, तेल, नमक, मसाले, हल्दी, मिर्च जैसे खाने पीने के किसी भी सामान में मिलावट की जांच के लिए सैंपल दूसरे राज्यों की एडवांस लैब में भेजे जाते थे। वहां से रिपोर्ट आने में काफी वक्त लग जाता था।

पहली बार राज्य में ही मिलावट के लिए किसी भी सैंपल की टेस्टिंग राज्य में होने जा रही है। कोरोनाकाल के दौरान खाद्य विभाग ने नवा रायपुर में 6 करोड़ रुपए की लागत से एडवांस फूड टेस्टिंग लैब बनाई है। इसमें खाने-पीने के सामान के साथ अनाज, फल, सब्जी में होने वाली किसी भी तरह के हानिकारक केमिकल की मिलावट की जांच की जा सकती है।

अधिकारियों ने बताया कि फूड एंड ड्रग कंट्रोल विभाग ने मिलावट की जांच के लिए इस त्योहारी सीजन में प्रदेश भर में 33 टीम लगाई है। हर टीम को रोजाना 10 से अधिक सैंपल की जांच करनी है। वहीं मौके पर स्पॉट फाइन करने के लिए 8 मोबाइल वैन भी प्रदेशभर में सक्रिय है, जो बाजार और दुकानों में जाकर जांच के बाद मिलावटी सामान नष्ट कर रही है।

खाद्य विभाग ने पूरे प्रदेश में त्योहारी सीजन में होने वाली मिलावट को रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। शिकायत पर एक्शन के लिए तत्काल टीम भेजने का सिस्टम बनाया गया है। वहीं खाद्य विभाग के कंट्रोल रूम से पूरे प्रदेश की शिकायतों का समाधान हो रहा है या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है।

कैसे होती है जांच
मिलावट की जांच के लिए खाद्य विभाग दो तरह के सैंपल लेता है। सर्विलांस सैंपलिंग के जरिए ऐसे मिलावटी खान-पान के सामान जो मोबाइल लैब में जांच के दौरान खराब पाए जाते हैं, उन्हें मौके पर ही नष्ट कर दिया जाता है। मिलावट करने वाले दुकानदार पर मौके पर ही यानी स्पॉट फाइन किया जाता है। जबकि दूसरी तरह के टेस्ट में लीगल सैंपलिंग में मिलावटी केमिकलयुक्त पदार्थों की एडवांस जांच करवा कर, कानूनी प्रकरण बनाया जाता है। पहले ये एडवांस जांच प्रदेश में नही‌ हो पाती थी। इस कारण मिलावट करने वालों पर कानूनी कार्रवाई में देरी हो जाती थी।

हेल्पलाइन नंबर 9340597097 पर करिए शिकायत

कोई भी व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर 9340597097 पर फोन कर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। यह नंबर जारी कर दिया गया है और टोल-फ्री है। फोन अटेंड करनेवालों को यह बताना होगा कि मिलावट की आशंका किस तरह की खाद्य सामग्री में है? यह भी कि जिस दुकान से सामग्री ली गई, उसका नाम-पता क्या है? फोन पर शिकायत दर्ज होने के बाद इसे संबंधित क्षेत्र के खाद्य इंस्पेक्टर और उनकी टीम को तुरंत फारवर्ड किया जाएगा। यही टीम कार्रवाई के लिए पहुंचेगी। शिकायतकर्ता चाहे तो जांच के दौरान खुद भी मौजूद रहकर पूरी कार्रवाई देख सकता है। उसके खाद्य पदार्थ मेें मिलावट है या नहीं, इसे भी परखा जा सकता है।

लैब में 3 नई एडवांस मशीनें

खाद्य विभाग की लैब में एडवांस जांच के लिए करीब छह करोड़ रुपए की लागत में तीन नई आईसीपी एमएस, एलसीएमएस एमएस और जीसीएमएस मशीनें लगाई गई हैं। आईसीपी एमएस मशीन के जरिए खाद्य पदार्थों में जहां हैवी मेटल की जांच होती है। वहीं एलसीएमएस एमएस मशीन से पेस्टीसाइड, घातक रसायनों और जीसीएमएस मशीन से फैटी एसिड आदि की जांच की जाती है।

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