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इस आदत से 30 से 40 फीसदी बच्चाें की दूर की नजर हो गई कमजोर….. अभिशाप या वरदान:

रायपुर   –   मोबाइल की आदत से 14 साल की उम्र तक के 30 से 40% बच्चों की आंखों की दूर की नजर कमजोर हो गई है। नेत्र विशेषज्ञों के पास इलाज के लिए आ रहे 50% बच्चों में आंखों में तकलीफ का कारण मोबाइल है। इसमें 30% बच्चों को चश्मे लग रहे हैं।

शहर के नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल छोटे बच्चों की आंखों के लिए घातक है, इसलिए बच्चों को मोबाइल से दूर रखना ही इसका उपचार है। ऑनलाइन क्लास भी आंखें कमजोर होने की वजह बन गई।

अगर आपका बच्चा मोबाइल फोन समेत अन्य आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल ज्यादा करता है तो संभल जाएं। आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों मोबाइल फोन, टैब और लैपटॉप पर नजरें गड़ाए रहने से बच्चों की आंखों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इससे बच्चों की दूर की नजर कमजोर हो रही है।

लगातार नजदीक से देखने के कारण आंखों पर जोर पड़ता है और आंखों में रूखापन आ रहा है। लगातार मोबाइल देखने के कारण मात्र तीन-चार साल की उम्र से ही बच्चों को चश्मा लग रहा है। यही नहीं जिन बच्चों को पहले से चश्मा लग चुका है, मोबाइल देखने के कारण ऐसे बच्चों के चश्मे के नंबर भी बढ़ रहे हैं।

हर नेत्र रोग विशेषज्ञाें के पास रोज आ रहे 20 से 25 बच्चे
दैनिक भास्कर की टीम ने संकल्प नेत्रालय, सिम्स, जिला अस्पताल के नेत्र रोग विभाग समेत शहर के अन्य नेत्र चिकित्सालयों में जाकर पूछताछ की ताे पता चला कि शहर के हर नेत्र रोग विशेषज्ञों के पास औसतन 20 से 25 बच्चे आंखों में तकलीफ होने की शिकायत लेकर आ रहे हैं। चिकित्सकों का मानना है कि आंखें दूर और नजदीक की चीजें देखने में भी सक्षम होती हैं।

20:20 से मिलेगी राहत
डॉ. तिवारी के अनुसार 20 मिनट मोबाइल देखने के बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट से ज्यादा दूर की चीजों काे देखना चाहिए। इससे 80% आराम मिलता है।

मोबाइल के कारण कमजोर हो गई आंखें

डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादा मोबाइल देखने के कारण ही आंखों में तकलीफ हुई।

मोबाइल देखने के कारण सिर में दर्द रहता था और डॉक्टर के पास जाने पर चश्मे की सलाह दी।

मोबाइल से आंखों में तकलीफ होने के 4 कारण

(डॉ. संदीप तिवारी के अनुसार)

1. स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण पलक झपकने की फ्रीकवेंसी कम हो जाती है।

2. पास से मोबाइल देखने से दूर की नजर कमजोर हो जाती है, इससे चश्मा लग रहे।

3. मोबाइल की स्क्रीन में ब्लू रे ज्यादा रहता है, जो घातक है, इससे नजर कमजोर हो रही।

4. अंधेरे कमेरे में मोबाइल देखने से आंख कमजोर होती है।

तंग करने पर पैरेंट्स बच्चाें को दे देते हैं मोबाइल

आजकल हर घर में मोबाइल फोन बच्चों के लिए खिलौना बन चुका है। बच्चे जब तंग करते हैं या रोते हैं तो पैरेंट्स उन्हें मोबाइल थमा देते हैं। आगे चलकर मोबाइल देखना बच्चों की आदत बन जाती है। फिर स्थिति यह बन जाती है कि बच्चाें को खाना खिलाने के लिए से लेकर सुलाने के लिए लोरी गाने की जगह मोबाइल देना पड़ता है।

akhilesh

Chief Reporter

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