आदेश के बाद भी मासिक पेंशन में नहीं जुड़ी महंगाई राहत, त्योहारी सीजन में पेंशनरों में निराशा
रायपुर -छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के पेंशनरों को मई 2022 से पांच प्रतिशत महंगाई राहत का लाभ देने 16 अगस्त को आदेश जारी किया था। इस आदेश पर मासिक पेंशन एवं परिवार पेंशन में बढ़ी हुई दर पर राशि का बैंक द्वारा भुगतान नहीं करने से इस त्योहार के सीजन में पेंशनरांे को भारी निराशा हुई है
जबकि छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति से मध्य प्रदेश सरकार ने बढ़ी हुई राशि का भुगतान मई, 2022 से एरियर के साथ जुलाई 2022 की पेंशन में ही कर दिया है। छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र नामदेव ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की है।
वीरेंद्र नामदेव ने बताया कि दोनों राज्य के पेंशनर केंद्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई राहत केंद्र के देय तिथि से देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन दोनों राज्य सरकारें मध्य प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के अनुसार पारस्परिक सहमति को जरूरी बताकर पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई राहत नहीं दे रहे हंै। इस मांग को लेकर दोनों राज्य के पेंशनर आंदोलनरत हैं।
उल्लेखनीय हैं कि इसी मांग को लेकर छत्तीसगढ़ में गत 25 जुलाई को सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ कर मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि देने की ईश्वर से प्रार्थना करने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने मध्य प्रदेश के 11 प्रतिशत के प्रस्ताव पर कटौती करके मई 22 से पांच प्रतिशत महंगाई राहत देने की सहमति दी गई तब जाकर मध्य प्रदेश में दो अगस्त को आदेश प्रसारित कर अपने पेंशनरांे को लाभ देने के आदेश जारी करने के साथ 10 अगस्त तक सभी के खाते में भुगतान भी कर दिया गया
परंतु छत्तीसगढ़ शासन ने यही आदेश विलंब से 16 अगस्त को जारी किया। त्योहार के सीजन में बुजुर्ग पेंशनर्स को उम्मीद थी कि अगस्त पेंशन में पांच प्रतिशत महंगाई राहत का भुगतान हो जाएगा, परंतु अगस्त की मासिक पेंशन में पांच प्रतिशत महंगाई राहत जोड़े बिना पुरानी पेंशन बैंक खाते में आने से पेंशनरांे को घोर निराशा हुई है।