हफ्ते में 40 घंटे ऑफिस आएं या ऑफिस छोड़ दें… कर्मियों को अल्टीमेटम….
डेक्स – एलन मस्क ने अपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला को लेकर सख्त फैसला लिया है। सोशल मीडिया पर टेस्ला से जुड़ा एक मेल लीक हुआ है। इसमें कोरोना की वजह से शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम (WFH) खत्म करने का ऐलान किया गया है।
मेल में लिखा है कि कर्मचारी को कम से कम 40 घंटे (हर हफ्ते) ऑफिस में आकर काम करना होगा। यानी टेस्ला कंपनी में यदि 5 दिन काम होता है और बाकी 2 दिन छुट्टी होती है, तो ऐसे में 5 दिन के हिसाब से रोज के करीब 8 घंटे काम ऑफिस से करने होगा। लीक स्क्रीनशॉट के साथ दावा किया गया है कि यह मेल एलन मस्क की तरफ से टेस्ला के कर्मचारियों को लिखा गया है। मेल में भी उनका नाम लिखा है। एलन मस्क ने टेस्ला के कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि या तो वे ऑफिस से आकर काम करें, वरना टेस्ला छोड़ दें।
यह साफ नहीं है कि यह मेल क्या सच में एलन मस्क की तरफ से किया गया है। हालांकि, कंपनी ने इस पर अभी तक कोई सफाई नहीं दी है। एक शख्स ने मस्क को टैग कर मेल से जुड़ा सवाल भी किया। इस पर मस्क ने कहा कि उनको कहीं और काम करने का दिखावा करना चाहिए।
कर्मचारियों को मेन ऑफिस आना होगा
ऑर्डर में लिखा है कि कर्मचारियों को टेस्ला के मेन ऑफिस में आना होगा। अगर कोई कर्मचारी दूर स्थित ब्रांच ऑफिस में जाकर काम करेगा तो उससे काम नहीं चलेगा। मतलब मेन ऑफिस ही आना पड़ेगा। मेल में यह भी लिखा है कि फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी इससे (8 घंटे) ज्यादा देर ऑफिस में रहते हैं।
भारत में टेस्ला का प्लांट लगाना चाहते हैं मस्क
मस्क भारत में भी टेस्ला का प्लांट लगाना चाहते हैं लेकिन अभी कई दिक्कतें हैं। पिछले ही हफ्ते मस्क ने कहा था कि टेस्ला उस जगह पर अपना कोई मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी, जहां उसे पहले कार को बेचने और सर्विस देने की परमीशन ना मिले।
मस्क लंबे समय से भारत में टेस्ला की कार को बेचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए वह सरकार से इंपोर्ट टैक्स में छूट चाहते हैं। भारत सरकार टेस्ला को कई मंचों से साफ कर चुकी है कि उन्हें अगर इंडिया में अपनी कार बेचनी है तो उसका प्रोडक्शन यहीं करना होगा। चीन में बनी कार यहां नहीं बिकेगी। इंपोर्ट ड्यूटी में छूट की जगह सरकार उन्हें PLI स्कीम का फायदा उठाने के लिए भी कह चुकी है।