उत्खनन मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की सख्ती:तस्करों ने गरियाबंद के हीरा खदान वाले जंगलों में कर लिए कब्जे
32 साल पहले खोजी गई गरियाबंद के 4,600 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली हीरा (डायमंड) खदानों के व्यावसायिक उत्खनन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रक्रिया तेज करने के लिए हाईकोर्ट में अर्जेंट हियरिंग की अर्जी लगा दी है। शासन की कोशिश है कि तीन-चार माह में ग्लोबल टेंडर जारी कर इन खदानों में मौजूद 1.3 मिलियन वर्ल्ड क्लास हीरे का उत्खनन शुरू कर दिया जाए, ताकि गरियाबंद और प्रदेश में समृद्धि आए। इधर यह प्रक्रिया शुरू हुई, उधर हीरा तस्करों में जंगलों में छिपी पायलीखंड-बेहराडीह जैसी खदानों में अवैध खुदाई की जैसे होड़ लग गई है। धड़ल्ले से खुदाई की खबरों के बाद भास्कर टीम गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक पहुंची।
वहां पायलीखंड, बेहराडीह, सेंधमुड़ा, कोदोमाली और जांगला जैसी बड़ी हीरा खदान हैं। इस दौरान बड़े पैमाने पर जंगल में खुदाई के सबूत ही नहीं, बल्कि खुदाई करते लोग भी नजर आ गए। मेन रोड से 9 किमी का जंगल पार करने के बाद हीरा खदानों का एरिया शुरू हुआ। वहां दिनदहाड़े अवैध खुदाई का नजारा ऐसा है कि जहां-जहां हीरा निकलने की संभावना ज्यादा है, तस्करों ने उन इलाकों को अपने गड्ढे बनाकर रिजर्व कर लिया है।
एक गड्ढे में करीब 10 गहराई से एक व्यक्ति खुदाई कर मिट्टी निकालता हुआ भी नजर आया। तस्करों ने खदानों को सुरक्षित करने के लिए लगाई फैंसिंग भी उखाड़ दी है। खुलेआम दिन-रात खुदाई करनेवालों को पकड़नेवाला कोई नहीं है, इसलिए उन्हें इसका डर भी नहीं है।
पुलिस ने 5 साल में 2210 हीरे पकड़े
एएसपी गरियाबंद चंद्रेश ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2018 से 2022 के बीच अवैध रूप से खनन कर तस्करी करते हुए 19 लोगों को पुलिस ने पकड़ा और 2.30 करोड़ रुपए कीमत के 2210 हीरे जब्त किए। ये कच्चे (अनफिनिश्ड) हीरे हैं। इनमें दूसरे 6 आरोपी दूसरे राज्यों के थे।
पायलीखंड-बेहराडीह खदानों में मार्किंग, सैकड़ों गड्ढे
स्पाॅट 1 – बेहराडीह
भास्कर टीम 7 नवंबर को दोपहर 12 बजे मैनपुर से 12 किमी दूर बेहराडीह पहुंची। वहां के एक जानकार को लेकर जंगल में 2 किमी अंदर गए और गाड़ी रोकनी पड़ी। वहां से दुर्गम रास्ते से ढाई किमी आगे गए तो गड्ढे और गोलाई में की गई मार्किंग नजर आने लगी। जानकार ने बताया कि पूरे जंगल में ऐसे सैकड़ों गड्ढे मिल जाएंगे। यहां से करीब 500 मीटर दूर नाले पर मिट्टी धोने के प्रमाण भी मिले, जो खदान से ही निकाली गई होगी।
स्पाॅट 2 – पायलीखंड
भास्कर टीम मैनपुर से 27 किमी दूर जांगला होते हुए 7 नवंबर को दोपहर 2.15 बजे पायलीखंड पहुंची। यह पहाड़ के नीचे दूर तक फैली बड़ी हीरा साइट है। इंद्रावन नदी को पार कर जंगल में 4.5 किमी का रास्ता तय किया तो करीब 10 फीट गड्ढे में अकेला व्यक्ति खुदाई करता हुआ नजर आया। वह पास के गांव का है और उसे 3 साल पहले हीरा मिला था। उसी ने बताया कि खरीददार हर हफ्ते आते हैं। आगे और लोग खुदाी कर रहे हैं।
सीएम की पहल पर प्रक्रिया तेज क्योंकि हीरे से राज्य को करोड़ों की होगी आय
हीरा खदानों में 2001 से सर्वे की प्रक्रिया रूकी हुई है। यह मामला 2008 से बिलासपुर हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसीलिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के खनिज विभाग को कोर्ट से लगी रोक हटवाने और खुदाई प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद शासन की ओर से आनन-फानन में हाईकोर्ट में अर्जेंट हियरिंग (तत्काल सुनवाई) का आवेदन लगाया गया है। खनिज अफसरों, विशेषज्ञों और हीरा कारोबारियों का मानना है कि हीरा खुदाई की प्रक्रिया जैसे ही शुरू होगी, राज्य को सालाना कई हजार करोड़ रुपए तक का राजस्व उसी साल से मिलने लगेगा। यहां हीरा आधारित उद्योग लगेंगे, खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) फंड बढ़ेगा और रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इसलिए रुकी है प्रक्रिया- मध्यप्रदेश सरकार ने ग्लोबल टेंडर किया था, जिसमें उत्खनन के लिए बी विजय कुमार कंपनी को वर्कऑर्डर हो गया। इस कंपनी और एमपी मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के ज्वाइंट वेंचर को 3 साल के लिए टेस्टिंग लाइसेंस जारी हुआ। मगर, छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लाइसेंस रद्द कर दिया। कंपनी कोर्ट गई, वहां से माइनिंग ट्रिब्यूनल में जाने के निर्देश हुए। ट्रिब्यूनल का फैसला हुआ तो छत्तीसगढ़ सरकार ने बिलासपुर हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी। यह मामला तब से रुका है।
6 किंबरलाइट पाइप- ये क्या है समझें- खनिज विशेषज्ञों के मुताबिक धरती के अंदर 150 से 200 किमी के नीचे, सैंकड़ों सालों में वाल्किनो प्रोसेस से हीरा तैयार होता है। इन्हीं किंबरलाइट पाइप में हीरा होता है।
खदान के बारे में वो सबकुछ जो हर कोई जानना चाहता हैं
इतिहास- मध्यप्रदेश सरकार के खनिज विभाग को साल 90 के दशक में गरियाबंद (पहले रायपुर जिला) में हीरा खदान की जानकारी मिली थी। यह जानकारी स्थानीय लोगों, कारोबारियों के जरिए सामने आई।
हीरा भंडार- खनिज विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक संभावित साइट 4,600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है, इनमें 1.3 मिलियन कैरेट हीरा का अनुमान है।
– देश का 28.26 प्रतिशत हीरा छत्तीसगढ़ में होने का अनुमान।
फैसला आते ही करेंगे ग्लोबल टेंडर
हमने हाईकोर्ट में अर्जेंट हीयरिंग के लिए आवदेन दिया है। शासन के पक्ष में फैसला आते ही ग्लोबल टेंडर कर देंगे। 3-4 महीने में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। -अनुराग दीवान, संयुक्त संचालक, खनिज संचालनालय