किसानों के लिए बने CHAMPS योजना कंपनियों के लिए लूट का धंधा!
छत्तीसगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय योजनाओं को समायोजित कर छत्तीसगढ़ सरकार ने CHAMPS योजना का शुरुवात किया जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के किसानों को आधुनिकता व मशीन युग से जोड़ने के किए विभिन्न मशीनरी जैसे:- ट्रेक्टर, थ्रेसर, रिपर, राइस मील, दाल मील, तेल मील, रोटावेटर, इलेक्ट्रिक पम्प इत्यादि को सब्सिडी दर पर (बाज़ार मूल्य से 40-70% कम) मुहैया कराना है। जिससे किसानों को खेती में मदद हो सके और उनकी माली हालत में सुधार आए। छ.ग. सरकार से पंजीकृत इस कंपनी के द्वारा 2018 से 2023 तक ऐसा लूट का धंधा चलाया गया कि किसानों को मात्र 20-25 प्रतिशत तक ही सब्सिडी दर प्राप्त हुआ और बाँकी के पैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
किसानों की लगातार शिकायत पर हमारी टिम ने जब पड़ताल किया तब ग्राउंड रिपोर्ट में हैरान करने वाली बातें सामने आये। किसानों ने बताया कि इस भ्रष्ट धंधा का मुख्य गिरोह रायपुर की “रिलाएबल डिस्ट्रीब्यूटर” है जिसने छत्तीसगढ़ के मायूस किसानों को करोड़ों रुपये का चुना लगाया।
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा व मूँगेली ज़िला के किसानों ने यह बताया कि फॉर्म भरने के समय योजना का लाभ लेने हेतु उनसे 50,000-1,50,000 तक पैसे माँगे तब जाकर उनका नाम इस योजना के लाभार्थी सूची में शामिल होता है आगे किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा दिये जा रहे सब्सिडी का चंद हिस्सा ही उनको मिल पाता है बाँकी के पैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है।
न्यूज़बिंदास टीम के पास उपलब्ध सूचनाओं के विश्लेषण अनुसार “रिलाएबल डिस्ट्रीब्यूटर” फर्म रायपुर नें बेमेतरा ज़िला के किसानों को वर्ष 2018 से 2023 के बीच कुल 192 मशीनों का सप्लाई किया है जिसमे ट्रेक्टर- 125 नग, रीपर- 24 नग, मिनी राइस मील- 14 नग, मिनी दाल मील-10 नग, राइस ट्रांसप्लांटर- 07 नग, मिनी ऑयल मील- 05 नग, इलेक्ट्रिक पंप- 03 नग, हैरो- 01 नग, पॉवर टिलर- 01 नग, रोटावेटर- 01 नग, पैडी ट्रांसप्लांटर- 01 नग है इन सभी मशीनों की कुल क़ीमत 12,01,22,776.30 रुपये है जिस पर 5,54,57,414.00 रुपये सब्सिडी की राशि थी।
अलग अलग किसानों से हुए भ्रष्टाचार के राशियों को गणना करने पर पता चला कि 18-20 फ़ीसदी सब्सिडी की राशि बंदरबाँट में चला जाता है जो की अनुमानित 2-2.5 करोड़ रुपयों का भ्रष्टाचार सिर्फ़ बेमेतरा जिला का है यदि पूरे राज्य के आँकड़ों को जोड़ा जाये तो यह राशि करोड़ों रुपयों में होंगी।
स्थिति यही रही और जवाबदार ऐसे ही चाँदी कूटते मूकदर्शक बने रहे तो ना ही किसानों का आय दोगुना होगा और ना ही उनके माली हालत में सुधार आएगा|