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एम्स में 9 किलो का ट्यूमर निकाले जाने के बाद महिला की जान बची

नई दिल्ली: दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में डॉक्टरों ने हाल ही में एक 49 वर्षीय महिला की सर्जरी की, जिसमें उन्होंने उसकी ओवरी से 9 किलो का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला। इस ऑपरेशन में डॉक्टरों को 10 घंटे से भी ज्यादा समय लगा। महिला को ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर (GCT) नामक दुर्लभ और एडवांस स्टेज का ट्यूमर था, जो समय पर सर्जरी नहीं होने पर महिला के अन्य अंगों तक फैल सकता था और जान का खतरा पैदा कर सकता था।

ट्यूमर: एक खतरनाक समस्या

ट्यूमर, जिसे नियोप्लाज्म भी कहा जाता है, असामान्य तरीके से बढ़ने वाले कोशिकाओं के समूह होते हैं। ये गांठें शरीर के विभिन्न अंगों में बन सकती हैं और कभी-कभी ये कैंसर का रूप भी ले सकती हैं। जब शरीर में पुराने सेल्स मरते हैं, तो नए सेल्स का निर्माण असामान्य रूप से शुरू हो जाता है, जिससे डैमेज हुआ DNA भी प्रभावित हो सकता है।

ट्यूमर बनने के कारण

ट्यूमर के विकास के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. DNA म्यूटेशन – जब सेल्स में उत्पन्न जीन परिवर्तन होते हैं, तो ट्यूमर बन सकता है।
  2. पर्यावरणीय कारण – प्रदूषण, केमिकल गैस, तंबाकू और शराब का सेवन ट्यूमर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  3. जेनेटिक प्रॉब्लम – अगर परिवार में कैंसर या ट्यूमर के मामले रहे हैं, तो यह जोखिम बढ़ा सकता है।
  4. हॉर्मोनल डिसबैलेंस – कुछ हॉर्मोनल असंतुलन भी ट्यूमर के कारण हो सकते हैं।
  5. अन्य कारण – कुछ वायरस, बैक्टीरिया और उम्र का बढ़ना भी ट्यूमर के विकास में योगदान कर सकते हैं।

ट्यूमर के लक्षण

ट्यूमर के संकेतों में शामिल हैं:

  • शरीर के किसी हिस्से में गांठ या सूजन महसूस होना।
  • अचानक वजन कम होना।
  • थकान या कमजोरी का अनुभव होना।
  • नसों, हड्डियों या अंगों में दर्द महसूस होना।
  • सांस लेने में कठिनाई होना।
  • मल या पेशाब में खून आना।
  • कब्ज, दस्त या पेट में दर्द होना।

ट्यूमर से बचाव के उपाय

ट्यूमर से बचने के लिए कुछ प्रभावी उपाय हैं:

  • हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना।
  • संतुलित आहार लेना, जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों।
  • तला-भुना और हाई कैलोरी वाले खाने से बचना।
  • नियमित व्यायाम करना।
  • धूम्रपान और शराब से बचना।
  • मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग और गहरी सांस लेना।

यह घटना यह साबित करती है कि समय पर निदान और उपचार से गंभीर ट्यूमर को भी सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। एम्स के डॉक्टरों की मेहनत और विशेषज्ञता ने महिला की जान बचाई, जो अब पूरी तरह से ठीक हो रही है।

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