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बिलासपुर हाईकोर्ट: पांच IAS अफसरों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारिता विभाग के तत्कालीन संयुक्त पंजीयक सुनील तिवारी पर एक गंभीर आरोप लगा है। उन पर एक जीवित पत्नी के रहते हुए दूसरा विवाह करने का आरोप है। शिकायतकर्ता विनय शुक्ला ने 25 अक्टूबर 2020 को यह शिकायत सहकारिता विभाग में प्रेषित की थी, जिसमें कहा गया कि सुनील तिवारी ने बिना शासन की मंजूरी के एक पत्नी के होते हुए दूसरा विवाह किया और एक पुत्र उत्पन्न किया। यह कृत्य सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 22 और भारतीय दंड संहिता की धारा 166, 420, 34 के तहत अपराध है।

 

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि विभागीय IAS अधिकारियों के बीच मिलीभगत के कारण इस मामले पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई। इस पर उन्होंने 27 जुलाई 2021 को उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की। अदालत ने 29 सितंबर 2023 को आदेश जारी किया कि इस मामले की छह महीने के भीतर जांच की जाए।

हालांकि, उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद IAS अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके परिणामस्वरूप शिकायतकर्ता ने इन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की। 12 सितंबर 2024 को अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय के माध्यम से यह याचिका दायर की गई थी।

कुलदीप शर्मा


मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एनके व्यास ने पांच IAS अधिकारियों—हिमशिखर गुप्ता (तत्कालीन सचिव सहकारिता), सीआर प्रसन्ना (वर्तमान सचिव सहकारिता), रमेश शर्मा (तत्कालीन पंजीयक सहकारिता), दीपक सोनी (तत्कालीन पंजीयक सहकारिता), और कुलदीप शर्मा (वर्तमान पंजीयक सहकारिता)—के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इन अधिकारियों के खिलाफ न्यायालयीन अवमानना अधिनियम 1971 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

akhilesh

Chief Reporter

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