FEATUREDGeneralLatestNewsUncategorizedछत्तीसगढ़रायपुर

छत्तीसगढ़ में पोस्ट कोविड इफेक्ट:खून गाढ़ा होने से ढाई साल में हार्ट अटैक व ब्रेन स्ट्रोक के केस चार गुना बढ़ गए

पिछले ढाई साल में, खासकर कोविड की पहली और दूसरी लहर में कोरोनावायरस से संक्रमित हुए लोगों में से एक वर्ग पोस्ट कोविड प्रभावों की जद में आया और उनमें से कुछ का खून गाढ़ा होने की शिकायत भी आने लगी। बड़े अस्पतालों में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की स्टडी के बाद डाक्टरों का दावा है कि पोस्ट कोविड इफेक्ट के तौर पर खून गाढ़ा होने की वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज के केस चार गुना तक बढ़ गए हैं।

राजधानी के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट, डीकेएस व निजी अस्पतालों में ढाई साल पहले हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से आने वाले मरीजों की संख्या दिन में औसत 2-3 रहती थी। अब डीकेएस के ही न्यूरोलॉजी व न्यूरो सर्जरी विभाग में रोज 12-13 ऐसे पहुंच रहे हैं, जो पोस्ट कोविड के कारण ब्रेन हेमरेज या पैरालिसिस के शिकार हो गए।

छत्तीसगढ़ में कोरोना की एंट्री मार्च 2020 में हुई थी। तब से कोरोना की तीन लहर गुजर चुकी है। इससे स्वस्थ हुए लोग अब नई बीमारी से गुजर रहे हैं। कोरोना ने केवल फेफड़े को प्रभावित नहीं किया, खून गाढ़ा होने से हार्ट व ब्रेन को प्रभावित कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार पिछले ढाई साल का आंकड़ा देखें तो हार्ट व ब्रेन की बीमारियों में अच्छी खासी वृद्धि हुई है।

एसीआई की ओपीडी व वार्ड में रोज हार्ट अटैक के 8 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इनमंे कुछ जेनेटिक वाले होते हैं तो ज्यादातर कोरोना से स्वस्थ हुए लोग। इनमें 90 फीसदी मरीज पोस्ट कोविड इफेक्ट वाले होते हैं। संजीवनी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. युसूफ मेमन व डीकेएस में न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. अभिजीत कोहट के अनुसार जिन लोगों को पहले से हार्ट व ब्रेन की समस्या थी और उन्हें कोविड हो गया था, उन्हें बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है।

गाढ़े खून से नसें थोड़ी सिकुड़ जाती हैं, यही स्थिति खतरनाक
सीनियर मेडिकल कंसल्टेंट डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार जब नसें सिकुड़ जाती हैं, तब हार्ट को पंपिंग के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है। ब्रेन की नसें भी संकरी होने के कारण ब्रेन हेमरेज व पैरालिसिस का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जो कोरोना से ग्रसित हुए हैं, उन्हें सीबीसी यानी कंपलीट ब्लडकाउंट टेस्ट कराना चाहिए। इससे पता चल जाता है कि उनका खून सामान्य है या गाढ़ा हो गया।

जिन्हें कोविड नहीं हुआ, उन पर भी असर
जेनेटिक के अलावा जो स्मोकिंग कर रहे हैं और शराब का ज्यादा सेवन कर रहे हैं, उन्हें भी हार्ट व ब्रेन की बीमारी घेर रही है।

जनवरी-अक्टूबर ब्रेन हेमरेज – करीब 550
जनवरी-अक्टूबर तक हार्टअटैक – करीब 480
(प्रमुख सरकारी-निजी अस्पतालों का डेटा)

एक्सपर्ट व्यू : हार्ट पंपिंग के लिए ज्यादा जोर लगाता है, इसलिए अटैक की आशंका

डॉ. कृष्णकांत साहू, एचओडी कार्डियक सर्जरी एसीआई
कोरोना से स्वस्थ हुए मरीजों का खून गाढ़ा हुआ है। इससे नसें संकरी हो जाती है। इससे हार्ट को खून की पंपिंग के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। इससे हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे मरीजों की संख्या भी बढ़ी है।

कोरोना के बाद ब्रेन हेमरेज व पैरालिसिस के मरीजों की संख्या खासी बढ़ी है। इनमें से ज्यादातर मरीजों को सर्जरी करने की जरूरत पड़ रही है। -डॉ. राजीव साहू, एचओडी-न्यूरो सर्जरी

akhilesh

Chief Reporter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow Us

Follow us on Facebook Follow us on Twitter Subscribe us on Youtube