सालाना आठ करोड़ रुपये बढ़ाया खर्च, फिर भी 10 प्रतिशत कम मिले अंक. नगर निगम
रायपुर – स्वच्छता सर्वेक्षण- 2022 ने रायपुर शहर की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी है। हालात ऐसे हैं कि पिछले वर्ष जहां 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में रायपुर को छठवें स्थान पर रखा गया था, वहीं इस बार 11वां स्थान मिला है, जबकि इस वर्ष सफाई पर किए जाने वाले सालाना खर्च में आठ से 10 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इसके बावजूद रायपुर पांच पायदान नीचे खिसक गया है।
वहीं आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष यानी कि 2021 की तुलना में इस वर्ष रायपुर के 10 प्रतिशत तक अंक कम हो गए हैं। हालांकि इस वर्ष अंकों का दायरा भी 6,000 से बढ़ाकर 7,500 किया गया था, लेकिन मापदंड वही रखे गए थे। इसके बावजूद रायपुर शहर को लगभग सभी सेक्टर्स में 10 प्रतिशत तक कम अंक मिले हैं। इसकी वजह से रायपुर पांच पायदान तक नीचे खिसक गया है।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 (6000 कुल अंक-4811 अंक मिले)
लेवल-कुल अंक-प्राप्तांक-प्रतिशत
सेवा स्तर में सुधार-2,400-2,109-87.88%
जनता की आवाज-1,800-1,602-89%
सर्टिफिकेशन-1,800-1,100-61%
स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 (7500 कुल अंक-5395 अंक मिले)
लेवल-कुल अंक-प्राप्तांक-प्रतिशत
सेवा स्तर में सुधार-3,000-2,334-77.8%
फीडबैक-2,250-1,860-89%
सर्टिफिकेशन-2,250-1200-53.33%
2016 से 2022 तक सर्वेक्षण में शामिल शहर और रायपुर का स्थान
सत्र-सर्वेक्षण में शामिल कुल शहर-रायपुर का स्थान
2016-73-68
2017-434-129
2018-4,203-139
2019-4,237-41
2020-4,242-21
2021-4,320-6
2022-4,354-11
वाटर प्लस का सपना रह गया अधूरा
वाटर शहर को वाटर प्लस श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है, जबकि वाटर प्लस के अनुसार शहर में गंदे पानी को स्वच्छ करने के लिए 137 एमएलडी का मापदंड तय किया गया है। वहीं रायपुर में 140 एमएलडी एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) चल रहे हैं, लेकिन शहर में इसके पानी का उपयोग नहीं हो रहा है। इसकी वजह से रायपुर को वाटर प्लस श्रेणी में नहीं रखा गया, जिसकी वजह से चार सौ अंकों का सीधा नुकसान रायपुर को उठाना पड़ा।
1,150 अंक मिलते तो छठवां स्थान रहता बरकरार
इस बार किए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में रायपुर को 1,150 अंक का नुकसान हुआ है, जिसमें वाटर प्लस के 400 अंक, फाइव स्टार 400 अंक और फीडबैक के 350 अंक। यदि यह अंक रायपुर को मिलते तो इस वर्ष भी रायपुर छठवें स्थान पर बरकरार रहता। हालांकि इसके लिए रायपुर ने दावा पेश भी किया था, लेकिन इनके मापदंडों और फीडबैक में अच्छा रिस्पांस नहीं मिला। जिसकी वजह से रायपुर पांच पायदान तक नीचे खिसक गया।
स्वच्छता का स्तर सुधारने में इस वर्ष ज्यादा प्रयास किया गया था, रैंकिंग बढ़ने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन नतीजा कुछ और ही निकला। इसकी समीक्षा की जा रही है और भविष्य में स्तर सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। ताकि अगले वर्ष टाप फाइव में जगह बनाई जा सके।