दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन का पहला स्टेशन, जहां होंगे 10 प्लेटफार्म, बिलासपुर
बिलासपुर – बिलासपुर रेलवे स्टेशन में प्लेटफार्म की कमी के कारण ट्रेनों के पहिए यार्ड में नहीं थमेंगे। जल्दा यहां दो नए प्लेटफार्म बनेंगे। इसके बनते ही 10 प्लेटफार्म हो जाएंगे। साथ ही बिलासपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन का पहला रेलवे स्टेशन होगा, जहां इतनी संख्या में प्लेटफार्म सुविधा रहेगी। नए प्लेटफार्म का निर्माण यार्ड रिमाडलिंग के तहत होगा।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय बिलासपुर में है। जोनल स्टेशन होने के कारण यहां सुविधाओं का विस्तार भी उसी तरह किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले स्टेशन उस पार के लोगों के लिए प्रवेश द्वार की सौगात दी गई। इसके अलावा जनरल टिकट काउंटर भी बनाया गया। अभी सुविधाएं थमने वाली नहीं है। इसके बाद भी रेलवे ने कई ऐसी योजनाएं बनाई हैं, जिससे यात्रा न केवल सुविधाजनक होगी, बल्कि ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी। 161 करोड़ की लागत से यार्ड रिमाडलिंग की योजना है। जिसमें नया आरआरआइ केबिन से लेकर कई प्रमुख कार्य होंगे। कार्यों की सूची में एक काम नए प्लेटफार्म का भी है।
प्लेटफार्म चार-पांच के बाद दो नए प्लेटफार्म बनेंगे, जो नौ व 10 नंबर प्लेटफार्म कहलाएंगे। हालांकि इनके निर्माण के बाद इतनी जगह है कि भविष्य में प्लेटफार्म की संख्या तीन से चार और बढ़ाई जा सकती है। रेलवे में जिस तरह अधोसंरचना को लेकर कार्य हो रहे हैं, उसे देखकर कहा जा सकता है कि इनका निर्माण होगा। दो नए प्लेटफार्म निर्माण कार्य बहुत जल्द प्रारंभ होगा। कंस्ट्रक्शन विभाग टेंडर व अन्य प्रक्रियाओं को पूरा कर लेगा। इस प्लेटफार्म व यार्ड रिमार्डलिंग से ट्रेनें यार्ड या इससे पहले नहीं स्र्केंगी। प्लेटफार्म की कमी के कारण कई बार ऐसा हुआ की ट्रेनों को आउटर पर रोकना पड़ा। इसके चलते ट्रेनें विलंब भी होती थी। मालूम हो कि जोन में 10 प्लेटफार्म वाला कोई भी स्टेशन नहीं है। यह सुविधा बड़े महानगरों में होती है।
2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा
दोनों नए प्लेटफार्म वर्ष 2024 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इतने ही दिनों का लक्ष्य भी रेलवे ने रखा है, क्योंकि मापदंडों के अनुसार व सर्वसुविधायुक्त प्लेटफार्म तैयार करना आसान नहीं है। इसका निर्माण चौथी लाइन को देखते हुए भी किया जा रहा है। मालूम हो कि नए आरआरआइ केबिन का निर्माण शुरू हो गया है।
सुविधाएं आधुनिक, यात्री भी होंगे खुश
प्लेटफार्म में सुविधाएं आधुनिक होंगी। इसमें ट्रेन व कोच इंडीकेशन बोर्ड से लेकर बैठने के लिए कुर्सियां भी रेलवे ऐसी उपलब्ध कराएगी कि यात्रियों को उन्हें देख यात्रा से पहले सुखद अहसास होगा। साथ ही फूड स्टाल, पंखे, वाटर बूथ, प्रसाधन से लेकर तमाम सुविधाएं रहेंगी, जो यात्रियों के लिए जरूरी है।
24 कोच होंगे प्लेटफार्म
प्लेटफार्म निर्माण के दौरान कोच की ऊंचाई और लंबाई को लेकर खास सावधानी बरती जाएगी। यही वजह है कि दोनों प्लेटफार्म 24 कोच की क्षमता के अनुसार होंगे। रेलवे में इससे अधिक कोच की ट्रेनें नहीं चलाई जाती। ज्यादातर स्टेशनों में इतनी ही लंबाई के प्लेटफार्म है। इसके अलावा ऊंचाई भी उतनी ही होगी, ताकि यात्रियों को चढ़ने या उतरने में किसी तरह दिक्कत न हो।