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अंग्रेजी शिक्षा नीति पर खेल सकती है दाव कांग्रेस, छत्तीसगढ़

निजी स्कूल-कालेजों को टक्कर देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को विस्तार देने में लगी हुई है। अंग्रेजी माध्यम का स्कूल खोलने के बाद अब आगामी सत्र से 10 अंग्रेजी माध्यम के कालेज खोलने जा रही है। अगले वर्ष विधानसभा चुनाव का माहौल रहेगा। ऐसे में कांग्रेस इस पर चुनावी दांव खेल सकती है।
आदिवासियों को साधने के लिए सरकार ने दंतेवाड़ा के सभी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में बदलने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जून 2022 में 422 स्कूलों में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम शिक्षा योजना लागू करने का ऐलान किया है। उन्होंने संकेत दिया है कि इनमें 252 स्कूल बस्तर और सरगुजा संभाग में होंगे। नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का बोर्डिंग स्कूल भी खुलेगा।

प्रदेश में स्वामी आत्मानंद योजना 279 स्कूलों तक पहुंच चुकी है। इनमें से 32 स्कूल हिंदी माध्यम के हैं और 247 स्कूलों में हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम में भी शिक्षा दी जा रही है। इस वर्ष दो लाख 52 हजार 600 विद्यार्थियों ने इन स्कूलों में प्रवेश लिया है, जिनमें एक लाख तीन हजार विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम और एक लाख 49 हजार 600 विद्यार्थी हिंदी माध्यम के हैं।

कांग्रेस ने कहा- विकास का एजेंडा, भाजपा ने बताया चुनावी

कांग्रेस का कहना है कि अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलना चुनावी नहीं है। हम ऐसे विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देना चाहते हैं, जिनके अभिभावक उन्हें महंगे निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश नहीं दिला पाते। इन स्कूलों में निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार के इस शिक्षा माडल को लेकर भाजपा ने तंज कसना शुरू कर दिया है। उसका कहना है कि सरकार केवल चुनिंदा स्कूल-कालेजों का रंग-रोगन कर अंग्रेजी माध्यम का नाम देकर चुनावी लाभ लेने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो महीने पहले प्रदेश के तमाम जिलों का दौरा कर लोगों का फीडबैक भी ले चुके हैं। अंग्रेजी भाषा में शिक्षा की बढ़ती मांग और सामाजिक प्रभाव के कारण मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि जरूरत पड़ने पर लगातार स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जाएंगे।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, स्वामी आत्मानंद योजना को चुनावी दृष्टि से देखना गलत है। इससे गरीब परिवार के बच्चों को अंग्रेजी में पढ़ने का मौका मिल रहा है। स्कूल के बाद कालेज भी अंग्रेजी माध्यम के हो जाएं, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस राम-कृष्‍ण की राजनीति करके चुनाव नहीं लड़ती है। निश्चित रूप में हम विकास के एजेंडे को लेकर चुनाव लड़ते हैं। स्वामी आत्मानंद योजना का निश्चित रूप से हमें चुनाव में फायदा मिलेगा। प्रदेश में 15 वर्ष तक भाजपा की सरकार थी, तब अटल बिहारी वाजपेयी या श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर भाजपा चाहती तो ऐसे स्कूल खोल सकती थी।

छत्तीसगढ़ भाजपा प्रवक्ता व पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री के केदार कश्यप ने कहा, कांग्रेस सरकार लोगों को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है। अगले वर्ष चुनाव है। कुछ महीने पहले सरकार 422 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और 10 कालेज खोलने का चुनावी दांव खेल रही है। प्रदेश के 56 हजार अन्य स्कूलों की ओर ध्यान नहीं है। शिक्षा की गुणवत्ता दिन-ब-दिन गिर रही है। स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। विद्यार्थी मजबूरी में स्कूल छोड़ रहे हैं। दंतेवाड़ा में आदिवासियों को रिझाने का प्रयास तो किया गया है पर यहां आवासीय विद्यालयों की हालत खस्ता हो गई है। ये केवल गांधी परिवार को ही पकड़ रखे हैं। अन्य विभूतियों का भी नाम देना चाहिए।

akhilesh

Chief Reporter

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