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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : OBC आरक्षण के साथ होंगे पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव….1 हफ्ते में अधिसूचना जारी करे चुनाव आयोग

नयी दिल्ली   – मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को आज सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर चुनाव आयोग को एक हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया है। इससे पहले मंगलवार को अदालत में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को राज्य निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद शिवराज सरकार ने संशोधन याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने दस मई को नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव जल्द कराने संबंधी जया ठाकुर और सैयद जाफर की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट को अधूरा मानते हुए बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने के आदेश दिए थे। राज्य निर्वाचन आयोग से कहा गया था कि वह दो सप्ताह के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी करे। हाईकोर्ट या सिविल कोर्ट का कोई भी आदेश इसमें आड़े नहीं आएगा। साथ ही कहा था कि बिना ट्रिपल टेस्ट किए ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।

याचिकाकर्ता सैयद जाफर ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर कहा कि यह संविधान की जीत है। ओबीसी आरक्षण का प्रविधान संविधान में है। हमने न्यायालय से मांग की थी कि पिछड़ा वर्ग को संविधान में प्रदत्त अधिकार मिलने चाहिए। जल्द चुनाव कराने की मांग पर प्रदेश सरकार को आरक्षण की प्रक्रिया जल्द करते हुए आयोग को चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं।राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सिफारिश के अनुरूप ओबीसी को आरक्षण देने के लिए नगरीय निकायों का आरक्षण नए सिरे से करना होगा। अभी 25 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से आरक्षण किया गया था। वहीं, त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम, जनपद और जिला) का आरक्षण होना है। इसमें नई व्यवस्था के तहत प्रक्रिया की जाएगी।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने ही ओबीसी आरक्षण के आधार संबंधी रिपोर्ट शीर्ष न्यायालय में पेश की थी। आयोग द्वारा ओबीसी को 35 फीसदी आरक्षण देने की मांग की गई थी। एमपी में तीन स्तर पर (ग्राम, जनपद और जिला) पंचायत और नगरीय निकाय (नगर परिषद, नगर पालिका और नगर निगम) में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए शीर्ष कोर्ट ने अध्ययन कराने के निर्देश दिए थे।

akhilesh

Chief Reporter

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