FEATUREDGeneralNewsUncategorizedछत्तीसगढ़राजनीतिरायपुर

विपक्ष ने वादाखिलाफी का आरोप लगाया; मुख्यमंत्री बोले- छत्तीसगढ़ में बदलाव लाए हैं

छत्तीसगढ़ में सरकार के खिलाफ विधानसभा में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव 13.15 घंटे की चर्चा के बाद अंततः ध्वनि मत से नामंजूर हो गया। इसके साथ ही रात के 1.27 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा का 14वां सत्र समाप्त हो गया। यह सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था। अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष ने सरकार पर मुख्य रूप से वादा खिलाफी का आरोप लगाया। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार छत्तीसगढ़ में बदलाव लाई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, विपक्ष के सदस्यों ने हमें हमारे वादे को याद दिलाया। 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी, जो छत्तीसगढ़ की आत्मा, जनता जनार्दन की इच्छा और पुरखों के सपने को समझ नहीं पाए और अपना वादा पूरा नहीं कर पाए, वे आज हमें वादा याद दिला रहे हैं। हमारी सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का स्लोगन लेकर चल रही है। हमने किसानों, राज्य के लोगों का भला करने के लिए कर्ज लिया। हम व्यक्ति को केंद्र में रखकर योजना बना रहे है।

CM बघेल कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, सुपोषण को ध्यान में रखकर काम कर रहे है। दो वर्ष कोरोना के बावजूद स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए। कहा कि केन्द्र सरकार ने जल जीवन मिशन लागू किया है इसके तहत हर घर को नल से जल देने की योजना है। हर घर नल से जल पहुंचाने के लिए पानी का इंतजाम किस तरह होगा। इसकी कोई प्लानिंग केन्द्र सरकार ने नहीं की है। जब पानी ही नहीं होगा तो हर घर में नल से जल कैसे पहुंचाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हम जल का प्रबंधन करने के लिए नरवा उपचार कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं, ताकि जल की व्यवस्था बेहतर हो। नरवा प्रोजेक्ट के जरिए जल संरक्षण कर रहे हैं, जिससे सतही जल का उपयोग हो सके। हमने हाट-बाजार क्लिनिक योजना शुरू की और शहर में स्लम स्वास्थ्य योजना बनाई। आज पूरे प्रदेश में आत्मानंद स्कूल की मांग है। 27 विधानसभा का दौरा किया है मैंने।

आज आदिवासी क्षेत्रों में बैंक की मांग आ रही है। आम जनता की मांग है बैंक खोलने के लिए.. क्योंकि हमने शासन के विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों के जेब में राशि पहुंचा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, आप इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं कि हम ग्रामीण गौ पालकों से गोबर की खरीदी कर रहे हैं। गोमूत्र की खरीदी करने जा रहे हैं। क्या यह मुद्दा अविश्वास के लायक है? गोधन न्याय योजना की देश-दुनिया में तारीफ हो रही है और आपने इसे अविश्वास का मुद्दा बनाया है।

कहा- केंद्र चावल ले या नहीं हम धान खरीदेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा वादा है कि हम किसानों का पूरा धान खरीदेंगे चाहे केंद्र से राशि मिले या न मिले। केंद्र सरकार राशि दे या नहीं दे। चावल खरीदे या नहीं खरीदे। हम किसानों से धान समर्थन मूल्य में खरीदेंगे। हमने जो वादा किया वह निभाया है। हम किसी भी स्थिति में अन्नदाताओं के साथ धोखा नहीं करेंगे।

प्रचार-प्रसार पर अधिक पैसा खर्च करने के आरोप को खारिज किया

मुख्यमंत्री ने सरकारी योजनाओं के प्रचार पर अत्यधिक राशि खर्च करने के आरोप का जवाब दिया। उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक विज्ञापन के 218 करोड़ का भुगतान किया इसमें से 100 करोड़ रुपए पूर्व सरकार के विज्ञापन की देनदारी थी। कहा गया कि गोधन न्याय योजना में विज्ञापन पर 120 करोड़ रुपये खर्च किये गये जबकि वास्तविकता यह है कि वर्ष 2020-21 में 7.44 करोड़ और वर्ष 2021-22 में 2.66 करोड़ अर्थात दोनों वर्षों के व्यय को मिलाकर केवल कुल 10 करोड़ 10 लाख रुपए खर्च किए गए।

आदिवासी क्षेत्रों में बदलाव की बात

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य के आदिवासी अंचल की समूह की महिलाएं सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी बात रख रही हैं। उन्हें काम भी मिल रहा है और सम्मान भी मिल रहा है। राजनांदगांव से अंतागढ़, नारायणपुर, ओरछा-बारासूर तक सड़क बनी है। आज नक्सली दबाव में हैं। अब वह छत्तीसगढ़ से पलायन कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 14 नक्सल प्रभावित जिले, 18 फीसद झोपड़ी, 40 प्रतिशत गरीबी सहित कई समस्याएं हमको विरासत में मिली थी।

कोल वॉशरियों पर छापे का भी मुद्दा था

मुख्यमंत्री ने राज्य में कोयले की अफरा-तफरी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपने जवाब में कहा कि राज्य में 58 कोयला खदानें हैं, जिसमें से 52 खदाने भारत सरकार के अधीन एसईसीएल द्वारा संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, हमने बिना किसी भेद-भाव के सब की जांच कराई है। जहां गड़बड़ी मिली है, वहां कार्यवाही होगी। राज्य में चिटफंड कंपनियों में जनता की गाढ़ी कमाई की लूट पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई। छत्तीसगढ़ राज्य देश का एक मात्र राज्य है जो चिटफंड कंपनियों पर कार्यवाही कर उनसे राशि की वसूली कर रहा है। अब तक 40 करोड़ रुपए लोगों को वापस किए जा चुके हैं।

नेता प्रतिपक्ष बोले- मंत्रियों-विधायकों को ही सरकार पर भरोसा नहीं

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, केवल हमारा नहीं जनता का भी विश्वास इस सरकार ने खो दिया है। घोषणा पत्र को देखकर ही जानता वोट देती है। जिन घोषणाओं के बल पर यह सरकार आई है, मुश्किल से आधी-अधूरी घोषणाओं को पूरा किया है। दुर्भाग्यजनक है की जिन्होंने घोषणापत्र बनाया है, वे सदन में नहीं है, जो क्रियान्वयन समिति बनी है उसमे भी वो नहीं है। कौशिक ने कहा, युवा हमारे उपेक्षित हैं।

जिस प्रकार से महिलाओं के वोट लिए गए लेकिन शराब के कारण प्रदेश की क्या स्थिति है किसी से छुपी नहीं है। जो चार पन्ने के आरोप में तथ्य दिए गए उसे काटने की स्थिति में नहीं हैं। जब सरकार के मंत्री का मुख्यमंत्री में विश्वास नहीं है। यदि विधायक मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, विधायक मंत्री पर हत्या करवाने के आरोप लगाए, विधायक मंत्री पर प्रश्नचिन्ह लगाए तो सरकार में विश्वास कहां है। जब विधायक ही सरकार पर विश्वास नहीं कर रहे है तो जनता क्या विश्वास करेगी।

बदले की कार्यवाही का आरोप भी लगाया

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, प्रदेश में जो कोई सरकार के खिलाफ आवाज उठाए उस पर कार्रवाई हो जाती है। चाहे आम जनता हो या फिर विधायक हो या लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हो। सभी के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। सौ से ज्यादा पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। एक को गिरफ्तार करने तो दिल्ली तक चले गए। छत्तीसगढ़ में अभिव्यक्ति की आजादी लगभग समाप्त हो हो गई है। कोल वाशरियों पर छापा पड़ा। ये छापा कार्रवाई के लिए नहीं वसूली के लिए डाला गया। हम बापू के रास्ते पर चल रहे हैं लेकिन कांग्रेस भटक गई है। मॉडल गौठान के दस पांच की सूची भेजने की स्थिति में सरकार नहीं है, जिसे हम जा कर देख सकें। सड़कों की खराब स्थिति के कारण अभी हाई कोर्ट को फटकार लगाना पड़ा है।

इन विधायकों ने विरोध और समर्थन में रखी अपनी बात

विधानसभा में दोपहर 12.6 से शुरू हुई चर्चा आधी रात के बाद 1.20 बजे तक चलती रही। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित 21 मंत्रियों-विधायकों ने भाषण दिए। बोलने वालों में बृजमोहन अग्रवाल, मोहन मरकाम, पुन्नूलाल मोहले, रविंद्र चौबे, रंजना साहू, धनेंद्र साहू, शिवरतन शर्मा, धर्मजीत सिंह, डॉ. शिव डहरिया, केशव चंद्रा, अमरजीत भगत, अजय चंद्राकर, मोहम्मद अकबर, सौरभ सिंह, देवेंद्र यादव, नारायण चंदेल, शैलेश पाण्डेय, रजनीश कुमार सिंह, संतराम नेताम और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक शामिल थे।

अविश्वास प्रस्ताव पर आधी रात तक चलेगी विधानसभा:समर्थन में और विरोध में बोलने वाले 36, स्पीकर ने लिस्ट छोटी करनी चाही तो बोलने की होड़ मच गई

akhilesh

Chief Reporter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow Us

Follow us on Facebook Follow us on Twitter Subscribe us on Youtube