गुड़ाखू और तंबाकू को MRP से ज्यादा दाम बेचने वाले दुकानदारों पर होगी कार्रवाई
रायपुर | लॉकडाउन के दौरान गुड़ाखू और तंबाकू को एमआरपी से अधिक दामों पर बेचे जाने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। राज्य में नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान विधिक माप विज्ञान विभाग को व्यापारिक संस्थाओं द्वारा वस्तुओं के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक कीमत पर बेचने की शिकायत प्राप्त हो रही थी। जिसे नियंत्रक विधिक माप विज्ञान द्वारा गंभीरता से लेते हुए राज्य के समस्त सहायक नियंत्रक एवं निरीक्षकों को सघन निरीक्षण करने एवं नियम विरुद्ध पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए निर्देश जारी किया गया था ।जिसके पालन में आज राज्य भर में जांच अभियान चलाकर 179 किराना एवं अन्य व्यापारिक संस्थाओं का निरीक्षण किया गया।
-इस दौरान दुर्ग जिले के दो किराना दुकान हरिश किराना रानीतराई पाटन द्वारा गुड़ाखू को एमआरपी ₹7 को ₹10 में बेचा जा रहा था तथा तंबाकू पैकेट अंकित एमआरपी ₹5 को ₹10 में बेचा जा रहा था।
-नरेंद्र किराना रानी तराई पाटन द्वारा पैकेट बंद वस्तु में नियमानुसार घोषणा नहीं पाए जाने पर अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया तथा दोनों संस्थाओं से रुपए 5000-5000 राजीनामा वसूल किया गया।
-उसी तरह बिलासपुर के शिव किराना स्टोर उस्लापुर बिलासपुर एवं हरिओम डेली नीड्स द्वारा गुड़ाखू डिब्बे पर अंकित मूल्य रुपए 5 से अधिक कीमत ₹10 पर बेचा जा रहा था तथा एस के जनरल स्टोर द्वारा राजश्री गुटका को अधिक मूल्य पर बेचा जा रहा था जिनके विरुद्ध विधिक माप विज्ञान (पैक बंद वस्तुए)नियम 2011 के नियम 18/2 के तहत कार्यवाही की गई तथा दोनों संस्थानों से 5000-5000 हजार राजीनामा जमा कराया गया।
-बलौदाबाजार के ग्राम सकरी मैं साहू जनरल स्टोर द्वारा गुड़ाखू डिब्बे मे अंकित मूल्य ₹32 को ₹45 पर बेचा जा रहा था।
-भरत किराना स्टोर गीतकेरा पलारी द्वारा गुड़ाखू डिब्बा जिस पर ₹32 एमआरपी अंकित था उसको ₹50 में बेचा जा रहा था तथा पलारी के हरि ओम ट्रेडर्स द्वारा ₹33 के गुड़ाखू डिब्बे को ₹35 पर बेचा जा रहा था।
जिनके विरुद्ध विधिक माप विज्ञान (पैक बंद वस्तुए) नियम 2011 की नियम 18/2 के तहत कार्यवाही की गई तथा प्रत्येक से 5000-5000 राजीनामा वसूल की गई।
उसी तरह कांकेर जिला के चरामा स्थित एक किराना दुकानदार द्वारा उसके बाट को मानक से100 ग्राम कम कर वस्तुओं का विक्रय किया जा रहा था। जिसके तहत विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के नियम 12/30 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।