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HRD मिनिस्टर का बड़ा फैसला, फाइनल ईयर की परीक्षाएं हर हाल में होगी आयोजित

दिल्ली | मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज मीडिया के सामने यूजी और पीजी की फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर कहा कि ‘उनका इरादा छात्रों के भविष्य पर कोरोना का ठप्पा लगने से बचाना है. यह छात्रों के भविष्य का सवाल है.’ दरअसल आज एचआरडी मिनिस्टर यूजी और पीजी की फाइनल ईयर की परीक्षाओं को कराने को लेकर कुछ राज्यों के विरोध करने के मामले में जबाब दे रहे थे।

इस पर उन्होंने बताया कि फाइनल ईयर की परीक्षाओं को कराने के मामले में यूजीसी ने एक समिति का गठन किया था. इस समिति में कई शिक्षाविद और एक्सपर्ट शामिल थे. इस समिति के दिए गए सुझावों के आधार पर ही यूजीसी ने इस सम्बन्ध में गाइड लाइन भी जारी किया गया था. जबकि लोगों के आग्रह पर यूजीसी ने दोबारा एक रिवाइज्ड गाइडलाइन्स भी जारी किया है।

मानव संसाधन मंत्री ने यह भी बताया कि देश के लगभग 90 फीसदी यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों ने इस पर अपनी सहमति प्रदान किया है. उन्होंने आगे कहा कि फाइनल ईयर की परीक्षा छात्रों के भविष्य के लिए जरूरी है क्योंकि परीक्षा न कराने से भविष्य में जब कोई छात्र कहीं किसी नौकरी के लिए जाएगा तो लोग उसकी मार्कशीट देखकर यह कह सकते हैं कि यह छात्र तो कोरोना काल का है और यह बिना परीक्षा के ही पास होने वाला छात्र है।

उनके अनुसार यह बात तो समझ में आती है कि कोरोना संकट को देखते हुए इन परीक्षाओं को टाल दिया जाय या कुछ समय के लिए और आगे बढ़ा दिया जाय लेकिन इन परीक्षाओं को एकदम से रद्द करने का कोई कारण समझ में नहीं आता है. इसलिए फाइनल ईयर की परीक्षाएं हर हाल में आयोजित कराई जाएंगी।

ये हैं यूजीसी की रिवाइज्ड गाइडलाइन्स की खास बातें- जैसा कि आपको मालूम ही है कि यूजीसी ने 06 जुलाई 2020 को एक रिवाइज्ड गाइडलाइन्स जारी किया है।

इस रिवाइज्ड गाइडलाइन्स की खास बातें इस प्रकार हैं-

यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर या टर्मिनल सेमेस्टर की परीक्षाएं 30 सितम्बर तक आयोजित कराई जाएंगी. संस्थान अपनी सुविधा के अनुसार ये परीक्षाएं ऑफ़ लाइन या ऑनलाइन किसी भी मोड में भी करा सकते है।

फाइनल ईयर के छात्रों का मूल्यांकन इसी ऑफ़ लाइन या ऑनलाइन परीक्षा के आधार पर ही किया जाना चाहिए।

अगर यदि कोई छात्र/छात्रा फाइनल ईयर की परीक्षा नहीं दे पाता है तो ऐसे छात्र/छात्रा को सम्बंधित संस्थान या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कराए जाने वाले स्पेशल एग्जाम में भाग लेने या शामिल होने का मौका दिया जाए. यह स्पेशल एग्जाम विश्वविद्यालय अपने सुविधानुसार करा सकता है. लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ 2019-2020 एकेडमिक ईयर के लिए ही मान्य होगी।

बाकी बीए फर्स्ट ईयर, बीए सेकंड ईयर, या फर्स्ट सेमेस्टर या सेकंड सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए यूजीसी की ओर से 29 अप्रैल 2020 को जारी की गई गाइडलाइन्स ही मानी जाएगी।

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