ब्रांडेड कंपनी का लोगो लगाकर बनाया जा रहा था नकली सामान. छापा:
रायपुर के एक प्लांट पर पुलिस और लीगल टीम ने छापा मारा। यहां बड़ी तादाद में प्लास्टिक के नकली प्रोडक्ट बरामद हुए हैं। रायपुर का ही एक कारोबारी अपने प्लांट में ब्रांडेड कंपनी के नाम पर नकली प्रोडक्ट तैयार करके मार्केट में बेच रहा था।
असली प्रोडक्ट का लोगो नकली पर था।
मामला प्लास्टिक वॉटर टैंक ब्रांड प्लास्टो से जुड़ा हुआ है। दिल्ली की इस कंपनी की लीगल टीम को खबर मिली थी कि रायपुर की एक प्लांट में नकली प्रोडक्ट का प्रोडक्शन किया जा रहा है। इसी के तहत स्थानीय पुलिस के साथ लीगल टीम प्लांट में पहुंची। बड़ी तादाद में प्लास्टो ब्रांड का फर्जी इस्तेमाल करते हुए प्रोडक्ट मिले, कॉपीराइट एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस की मदद से लाखों का माला सीज कर दिया गया है। लीगल टीम की अधिवक्ता नम्रता जैन ने बताया कि अब यह मामला दिल्ली कोर्ट में चलाया जाएगा। कंपनी की हेड ऑफिस की तरफ से रायपुर के तेजस इंटरप्राइजेस पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है, प्लांट को भी सील किया जा रहा है।
रायपुर में हर महीने 50 लाख का कारोबार
रायपुर में नकली प्रोडक्ट का बाजार बड़ा है। शहर के व्यापारियों के मुताबिक कम कीमत की वजह से लोग इन प्रोडक्ट्स पर भरोसा कर खरीद लेते हैं और मुनाफे के चक्कर में दुकानदार इसे बेचते हैं। तीन महीने पहले रायपुर की पुलिस ने एसकेआर मोबाइल एसेसरीज की दुकान से रितेश कुमार अंदानी, विनय कृष्णानी, नितेश खत्री नाम के कारोबारियों को पकड़ा था इनके पास से एप्पल जैसे ब्रांड के नकली प्रोडक्ट मिले थे। रविभवन में तिरूपति नावेल्टी कैप हाउस के दुकानदार को नाइकी, पोलो जैसी मल्टी नेशनल ब्रांड के लोगाे वाले नकली सामान के साथ पकड़ा गया था। इन दोनों कार्रवाइयों में पुलिस को 3 लाख से ज्यादा के नकली प्रोडक्ट मिले थे।
ऐसे मामलों में पुलिस काॅपी राईट एक्ट के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई करती है। रायपुर समेत प्रदेशभर में में ब्रॉडेड कंपनी के नाम पर नकली सामान खपाने का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। अकेले रायपुर में हर महीने करीब 50 लाख रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, कॉस्मेटिक, खाद्य सामग्री, कपड़े समेत अन्य सामान खपाया जा रहा है। दरअसल नामी कंपनियों के ट्रेडमार्क, स्टीकर का इस्तेमाल कर कारोबारी नकली सामान बेचने का गोरखधंधा रायपुर से लेकर पूरे प्रदेश में चला रहे हैं।