फेल छात्र भी होंगे पास! छात्रों को इस साल नहीं देनी होगी सप्लीमेंट्री परीक्षा
नई दिल्ली। सेंट्रल स्कूल के नवीं, ग्यारहवीं के फेल छात्रों को इस साल सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं देनी होगी। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने उन्हें बिना परीक्षा दिए पास करने का फैसला किया है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन के उपायुक्त विनोद कुमार ने बताया कि केविएस ने कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच छात्रों के लिए यह निर्देश जारी किए हैं। अभी तक के नियमों के हिसाब से 9वीं, 11वीं में अधिकतम दो विषयों में फेल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में जाने के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा देनी होती है। सप्लीमेंट्री में पास होने पर ही अगली कक्षा में प्रमोट किया जाता है, लेकिन इस बार ये परीक्षा नहीं ली जाएगी।
संगठन ने कोरोना महामारी के मद्देनजर ये फैसला सिर्फ इस साल के लिए लिया है। केविएस की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, अगर कोई छात्र इन दो कक्षाओं में सभी पांच विषयों में भी फेल होता है तो उसे उसके स्कूल द्वारा प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर जांचा जाएगा और अंक दिए जाएंगे। फिर उसी अंक के आधार पर उस छात्र को अगली कक्षा में प्रमोट भी किया जाएगा।
विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में फेल छात्र राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) में 31 जुलाई तक दाखिला ले सकते हैं। एनआईओएस ने स्ट्रीम-2 के दाखिलों की तिथि बढ़ा दी है।
खास बात यह है कि वह छात्र अपने जिस मूल बोर्ड की परीक्षा में फेल हुआ होगा, उसके दो विषयों के अंक यथावत जोड़ दिए जाते हैं। केवल तीन विषयों की परीक्षा देनी होती है। एनआईओएस से परीक्षा देने के बाद छात्र जेईई, नीट जैसी सभी