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कोरोना में काम नहीं होने से ठगी का बनाया प्लान! पैसे 4 गुना करने का बहाना देकर, 14 हजार लोगों से लुटे 6 करोड़ रुपये

अंबिकापुर | कोरोना संक्रमण के बीच गुजरात के बड़ोदरा जिले के एक युवक ने फर्जी चिटफंड कंपनी बनाई और महीने भर में जमा राशि चार गुना करने का झांसा देकर विश वायलेट एप के माध्यम से हजारों लोगों से करोड़ों रुपए ऑनलाइन जमा करा लिए। विश वालेट एंड इंड्रस्ट्रीज के संचालक आरोपी अशोक आचार्य उर्फ प्रियदर्शी ने शुरू में कुछ लोगों को झांसा देने जमा राशि के बदले रिटर्न भी किया। कंपनी के फर्जी होने के बारे में तब पता चला जब जुलाई में 14 हजार से अधिक निवेशकों का करीब 6 करोड़ 2 लाख रुपए डूब गया। इसमें सरगुजा जिले के भी हजारों लोग शामिल थे। जिन्होंने पुलिस से शिकायत की थी। इतनी बड़ी ठगी का मामला सामने आने पर आईजी रतनलाल डांगी के निर्देश पर एसपी टीआर कोशिमा के मार्गदर्शन में पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि सरगुजा संभाग से कंपनी में करीब 12 हजार लोगों का 5 करोड़ रुपए डूबा है। को-आर्डिनेशन सेंटर में बुधवार को मामले का खुलासा करते हुए एसपी ने बताया कि पुलिस की टीम बड़ोदरा गई थी। जहां स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी अशोक को गिरफ्तार कर लिया।

लिंक भेजकर ऑनलाइन जमा कराए जाते थे रुपए, इससे लोग झांसे में आए-

उसने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। आरोपी द्वारा अपने ग्राहकों को एक लिंक भेजा जाता था और पंजीयन कराने के बाद ऑनलाइन ही कंपनी के खाते में राशि जमा कराई जाती थी। इससे लोग झांसे में आए। कंपनी का आरबीआई सहित कहीं पंजीयन भी नहीं है। कार्रवाई में एडिशनल एसपी ओम चंदेल, सीएसपी एसएस पैकरा, टीआई भारद्वाज सिंह, एएसआई प्रमोद पांडेय, रविंद्र प्रताप सिंह आदि शामिल थे।

तीन महीने रिटर्न के बाद कंपनी कर दी थी बंद, पुलिस जांच कर रही -एसपी…

एसपी ने बताया कि आरोपी द्वारा शुरुआत में राशि जमा करने वाले निवेशकों को अप्रैल, मई व जून में रिटर्न दिया गया। इधर नए निवेशक जुड़ते थे। पिछले महीने एक दिन में करीब 75 लाख रुपए लोगों ने जमा किए थे। एक साथ जब ज्यादा राशि जमा हो गई तो आरोपी ने कंपनी बंद कर दी। एसपी ने बताया कि अभी मामले की जांच की जा रही है और अन्य कई आरोपी इसमें जुड़े मिलेंगे। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

बिहार का रहने वाला आरोपी है 12वीं पास-

एसपी ने बताया कि आरोपी मूलत: बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है। उसके पिता गांव में रहते हैं और राजमिस्त्री का काम करते हैं। आरोपी 12वीं पास है। उसने 2002 में गुजरात के बड़ोदरा में जाकर मार्केटिंग का काम किया। फिर उसने कई कंपनियों में सेल्समैन के रूप में काम किया।

कोरोना में काम नहीं होने से ठगी का बनाया प्लान,

एसपी ने बताया कि मार्च में कोरोना संक्रमण से काम बंद होने के दौरान उसने फर्जी चिटफंड कंपनी बनाकर ज्यादा ब्याज देने का प्रलोभन देकर लोगों से पैसा जमा कराने का प्लान बनाया। उसने फिर फर्जी कंपनी की वेबसाइट बनवाई। इसके बाद अपने पैतृक गांव के अभिषेक पांडेय से संपर्क किया। अभिषेक पयोरो कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड का संचालक है। पयोरो गेटवे से निवेशकों का पैसा जमा करता था और रिटर्न करता था। इससे लोग झांसे में आते थे।

एक वर्ष पहले मार्केटिंग के काम से आया था अंबिकापुर-

एक वर्ष पहले आरोपी एक कंपनी के मार्केटिंग के काम से अंबिकापुर आया था। यहां एक होटल में ठहरा था। इस दौरान कई लोगों से उसकी मुलाकात हुई। इससे पहले वह वाड्रफनगर में भी आ चुका था। वहां लोगों से मिला था। इसलिए उसे इस संभाग के बारे में ज्यादा मालूम था और कई लोगों से उसकी पहचान हुई।

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