सिंहदेव के इस्तीफे की चुनौती पर बोले डॉ रमन- सरकार की चलाचली की बेला का अलार्म
रायपुर । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा इस्तीफे की चुनौती को सरकार की चलाचली की बेला का अलार्म बताया है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की दग़ाबाजी, वादाख़िलाफ़ी और सियासी नौटंकियों का तो एक-न-एक दिन यही हश्र होना था। भाजपा लगातार जिन मुद्दों पर प्रदेश सरकार की आलोचना कर रही है, श्री सिंहदेव के इस्तीफे की पेशकश से उस पर मुहर लग रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों के धान समर्थन मूल्य की शेष अंतर राशि के अब अगली फ़सल से पहले पूरे भुगतान की बात को लेकर प्रदेश सरकार में दूसरे क्रमांक की हैसियत रखने वाले मंत्री श्री सिंहदेव की यह पेशकश प्रदेश सरकार के राजनीतिक चरित्र के ताब़ूत की पहली और आख़िरी कील साबित होगी। प्रदेश सरकार ने न किसानों के साथ न्याय किया, न शराबबंदी का वादा निभाया और न ही प्रदेश के शिक्षित बेरोज़गारों के लिए रोज़गार के कोई अवसर बाकी रखे। डॉ. सिंह ने कहा कि बेरोज़गार युवकों को प्रदेश की भूपेश सरकार ने इस क़दर हताशा के गर्त में धकेल दिया है कि वे अब आत्मदाह तक करने जैसा कदम उठाने को मज़बूर हो रहे हैं। यह प्रदेश सरकार के लिए चुल्लूभर पानी में शर्म से डूब जाने वाली स्थिति है।
किसानों के साथ कदम-कदम पर छलावा और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि श्री सिंहदेव ने किसानों के साथ हुए अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाकर प्रदेश सरकार को सबक सिखाने का जो संकल्प व्यक्त किया है, भाजपा उसका स्वागत करती है। शराबबंदी के बजाय घर-घर शराब पहुँचाने में जुटी सरकार ने प्रदेश की महिलाओं के साथ भी छलावा करने का काम किया। महिला स्व-सहायता समूहों के कर्ज़ माफ करने का वादा तक अब प्रदेश सरकार के एजेंडे में कहीं नज़र नहीं आ रहा है। डॉ. सिंह ने कहा कि कोरी सियासी लफ्फाजियाँ करने में मशगूल सरकार प्रदेश की मूलभूत समस्याओं व ज़रूरतों की लगातार अनदेखी करती रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि कोरोना संकट को लेकर भी प्रदेश सरकार ने ज़रा भी संवेदनशीलता और गंभीरता का परिचय नहीं दिया और चिठ्ठीबाजी करने में मुख्यमंत्री लगे रहे और संघीय व्यवस्था की अवहेलना मुख्यमंत्री का स्थायी राजनीतिक चरित्र बनकर सामने आया जिसके चलते वे बात-बेबात केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ बेजा प्रलाप करते रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि अपनी चरणवंदना कराने में जुटे कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने भी प्रदेश के ज़मीनी सच को जानने की चेष्टा नहीं की और मुख्यमंत्री के झूठ के रायते का स्वाद ही लेता रहा। प्रदेश सरकार में उपजा यह असंतोष कांग्रेस नेतृत्व की इसी उदासीनता का परिणाम है। डॉ.सिंहने उम्मीद जताई कि मंत्री श्री सिंहदेव की यह पहल प्रदेश को इस नाकारा, नेतृत्वहीन, बदनीयत और कुनीतियों वाली सरकार से मुक्ति दिलाएगा।