रायपुर में डाक्टरों की हड़ताल:, मरीजों की बढ़ी परेशानी…..
रायपुर – नियमितीकरण की मांग को लेकर आंबेडकर अस्पताल, डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल समेत छह मेडिकल कालेजों के संविदा चिकित्सक एक अगस्त को हड़ताल पर रहेंगे। चिकित्सकों ने बताया कि संविदा चिकित्सकों द्वारा दी जा रही आपतकालीन सेवाओं को छोड़कर ओपीडी व अन्य सेवाएं बंद रहेंगी। इसके लिए सभी ने सामूहिक अवकाश ले लिया है। डाक्टरों ने मांंगें पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।
डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के संविदा चिकित्सक डा. मेघना मिश्रा, डा. शताब्दी राय, डा. उत्तम, डा. यूबी दयाल, डा. जीवनलाल आदि ने बताया कि डीकेएस अस्पताल प्रदेश का एकमात्र शासकीय सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल है। यहां 95 प्रतिशत चिकित्सा शिक्षक संविदा पर कार्य कर रहे हैं। शासन स्तर पर संविदा चिकित्सकों को नियुक्त किया जाना है, लेकिन डीकेएस अस्पताल के संविदा चिकित्सकों को इससे वंचित किया गया है।
नियमितीकरण की मांग को लेकर शासन स्तर पर भी अपनी मांग रख चुके हैं, लेकिन अब तक मामले को लेकर संज्ञान ही नहीं लिया गया है। इसे लेकर आक्रोशित चिकित्सकों ने एक अगस्त को सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। मांगें पूरी नहीं होने पर सभी चिकित्सक अनिश्चिकालीन धरने पर जाएंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी। बता दें कि जगदलपुर, अंबिकापुर, बिलासपुर, राजनांदगांव और रायगढ़ मेडिकल कालेजों के संविदा चिकित्सक हड़ताल पर रहेंगे।
आंबेडकर अस्पताल के संविदा चिकित्सकों का प्रदर्शन
नियमितीकरण से वंचित आंबेडकर अस्पताल के संविदा चिकित्सक भी हड़ताल पर रहेंगे। संविदा चिकित्सक डा. सुदाम राठौर, डा. अभिषेक तिवारी, डा. सुरभि दुबे, डा. गुंजन अग्रवाल आदि ने बताया कि यहां 150 से अधिक संविदा चिकित्सक वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। शासन ने संविदा चिकित्सकों को नियमित करने की बात कही थी, लेकिन आंबेडकर अस्पताल के संविदा चिकित्सकों को इससे वंचित रखा गया। उम्र निकल जाने की वजह से कई चिकित्सक नियमित पदों पर अपात्र हो चुके हैं। संविदा चिकित्सक आंबेडकर अस्पताल में काम बंद कर प्रदर्शन करेंगे।
चिकित्सकों का आरोप- मान्यता के लिए कर रहे इस्तेमाल
आक्रोशित संविदा चिकित्सकों ने शासन पर आरोप लगाया है कि मेडिकल कालेजों की मान्यता के लिए संविदा चिकित्सकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मेडिकल कालेज व अस्पताल में सेवाएं देने में बड़ी जिम्मेदारी संविदा चिकित्सक ही निभा रहे हैं। इसके बावजूद उनकी अनदेखी की जा रही है, जो सही नहीं है।