जनपद सदस्य ने फेसबुक पर युवती को किया अश्लील कमेंट, फिर सरपंच पति रात को ही पहुंच गया पीड़ित को धमकाने
अमित दुबे – बिलासपुर | पहले जनपद सदस्य और बाद में सरपंच पति की प्रताड़ना से दुखी होकर युवती ने कानून की शरण लेनी चाहिए, लेकिन जब कानून ने भी हाथ खड़े कर दिए तो मजबूर युवती खुदकुशी करने निकल पड़ी। ऐसे में जानकारी होने पर बिलासपुर से पहुंची कांग्रेस नेत्री ने किसी तरह युवती को खुदकुशी करने से रोका। इस पूरे बवाल की शुरुआत फेसबुक से हुई ।बेलतरा के बेलपारा में रहने वाली युवती के फेसबुक अकाउंट पर जनपद सदस्य सोनू उर्फ अनिस धीवर कमेंट किया करता था। इसी दौरान अनीस ने युवती से उसका फोन नंबर मांगा। युवती ने अपना फोन नंबर देने से मना करते हुए उसे भाई कहते हुए संबोधित किया। इसी से जनपद सदस्य अनीस धीवर उखड़ गया और वह फेसबुक पर ही युवती को भद्दी भद्दी गालियां देने लगा। लगातार उसकी हरकतों से तंग आकर पीड़ित युवती अपनी शिकायत लेकर रतनपुर थाना पहुंची ,जहां थाना प्रभारी ने आरोपी जनपद सदस्य अनीस धिवर को भी मौके पर बुलाया। यहां अनीस धीवर ने अपनी गलती मान ली और उसने एक माफीनामा लिखकर दिया, जिसमें उसने लिखा कि अगर वह ऐसी गलती दोहराता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाए, लेकिन यह तो सिर्फ दिखाने वाले दांत थे। असलियत तो अभी सामने आना बाकी था। अनीस यहीं नहीं रुका। उसने अपने परिचित सरपंच पति राम रतन कौशिक को इसकी जानकारी दी जो उसी रात अपने और 4 साथियों के साथ युवती के घर उसे धमकाने पहुंच गया ।
पीड़ित युवती के अनुसार सरपंच पति और उसके साथ आए गुंडों ने युवती और उसके परिजनों को बुरी तरह धमकाया। यहां तक कि पीड़ित युवती को बदचलन तक करार दे दिया गया और कहा गया कि वह पैसे लेकर लोगों से संबंध बनाती है। रात को इन लोगों के घर आने से पूरा परिवार सहम गया। जिसके बाद पीड़ित युवती एक बार फिर रतनपुर थाने पहुंची और महिला पुलिस अधिकारी को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। लेकिन पीड़ित युवती की शिकायत सुन कर कोई कार्यवाही की जगह महिला थाना प्रभारी ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो चुका है, इसलिए अब पुलिस कुछ नहीं कर सकती । युवती के साथ यह कानून के जानकारो के लिए भी यह हैरान करने वाली जानकारी है। एक तरफ खुद दोषी जनपद सदस्य लिख कर देता है कि अगर उसने अपनी गलतियों को दोहराया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है, लेकिन महिला थाना प्रभारी यह बता रही है कि अब चाहे तो वह युवती के साथ कुछ भी कर गुजरे लेकिन थाने में शिकायत दर्ज नहीं की जा सकती क्योंकि दोनों के बीच समझौता हो चुका है। पता नहीं यह ऐसा कौन सा समझौता है जो अपराधी के लिए रामबाण दवा है जिसका कोई तोड़ ही नहीं। और इसी माफीनामा के दम पर पुलिस भी उसे क्लीन चिट दे रही है। पुलिस से भी मदद न मिलने के बाद पीड़ित युवती ने खुदकुशी का इरादा कर लिया था । इसी बीच उसने बिलासपुर की कांग्रेस नेता को फोन कर अपनी आपबीती सुनाई, जिन्होंने एक पल गंवाए बिना रतनपुर पहुंचकर युवती को ढांढस बंधाया और इस मामले में रतनपुर थाना प्रभारी ललिता मेहर को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर पीड़ित युवती आत्महत्या जैसा कदम उठाती है तो इसके लिए दोषी आरोपियों से अधिक पुलिस होगी। गुरुवार को रतनपुर थाना प्रभारी बैठक में शामिल होने बिलासपुर गई हुई थी, इसलिए पीड़ित युवती और उसके परिजन थाने में ही उनकी प्रतीक्षा करते रहे, इस इंतजार में कि शायद इस बार महिला अधिकारी का दिल पसीजे और वह आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। इस मामले में महिला सरपंच के पति की भूमिका हैरान करने वाली है, जो एक आरोपी और गुंडे बदमाश के हिमायती बनकर रात में गांव की एक नाबालिग बच्ची को धमकाने पहुंच जाते हैं, लेकिन उनसे इतना नहीं बनता कि दोषी जनपद सदस्य को उसके किए के लिए सजा दिलाएं। जाहिर है जब तक ऐसे जनप्रतिनिधि रहेंगे तब तक जनता का कल्याण होने से रहा।