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विश्व के 2 बड़े देशों के बीच डिप्लोमेटिक वॉर शुरू, अमेरिका ने टेक्सॉस और ह्यूस्टन में चीनी कॉन्स्युलेट बंद किए थे

नई दिल्ली | चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने ह्यूस्टन और टेक्सॉस में चीनी कॉन्स्युलेट बंद करने के आदेश जारी किए थे। अब चीन ने जवाब दिया है। शुक्रवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चेंग्दू शहर में अमेरिकी कॉन्स्युलेट का लाइसेंस वापस ले लिया गया है। अमेरिका का कदम गैरजरूरी था। उसने जैसा किया, वैसा जवाब देना जरूरी और सही है।

दो कॉन्स्युलेट बंद होने के बाद चीन ने अमेरिका को जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी। चीन के विदेश मंत्रालय ने गुरुवाार को एक बयान में कहा था- यह कदम सियासी वजहों से उठाया गया है। हम इसकी निंदा करते हैं।

तीन दिन के अंदर दो कॉन्स्युलेट बंद किए गए-

अमेरिका में तीन दिन के अंदर चीन के दो कान्स्युलेट बंद करने के आदेश जारी किए गए थे। अमेरिकी विदेश विभाग ने इस बारे में एक बयान जारी किया था। ऑर्डर की एक कॉपी चीन को भेजी गई थी। बयान में कहा गया था- पिछले कुछ साल में चीन के कॉन्स्युलेट अमेरिका में जासूसी करते पाए गए हैं। इसके अलावा भी गैर कानूनी चीजें की जाती रही हैं। अमेरिका इन्हें सहन नहीं कर सकता।

ट्रम्प ने कहा- चीन के दूसरे कॉन्स्युलेट भी बंद करा सकते हैंं-

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा था कि वे चीन के दूसरे कान्स्युलेट भी बंद कराएंगे। उन्होंने कहा था, “जहां तक कॉन्स्युलेट बंद करने का सवाल है तो हम अमेरिका में दूसरी जगहों पर भी ऐसा कर सकते हैं।” चीन के जिन दो कॉन्स्युलेट को बंद करने को कहा गया है वहां कुछ संवेदनशील दस्तावेजों को जलाने की बात सामने आई थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने यह दावा किया था वीजा फ्रॉड केस का आरोपी चीनी साइंटिस्ट भी चीन के एक कॉन्स्युलेट में छिपा है।

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