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सीजीपीएससी की राज्य सेवा परीक्षा: आदिवासी आरक्षण विवाद के चलते अटका मामला

रायपुर  छत्‍तीसगढ़ में आदिवासियों के आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद के कारण फिलहाल छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) एक भी पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी नहीं कर पा रहा है। भर्तियों के लिहाज से प्रदेश की सबसे प्रमुख राज्य सेवा परीक्षा 2022 के भी जीरो ईयर होने की आशंका है।
सीजीपीएससी को राज्य सेवा परीक्षा के लिए प्रदेश के 54 विभागों में से कुछ ही विभागों से परीक्षा के लिए प्रस्ताव मिले हैं। वह भी आरक्षण के पेंच अटकने से पहले के प्रस्ताव हैं। नतीजा यह हो रहा है कि सीजीपीएससी अभी तक राज्य सेवा परीक्षा के विज्ञापन को पूरी तरह पूर्ण नहीं कर पाया है।
सीजीपीएससी के चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी का कहना है कि जीरो ईयर अभी तो नहीं कह सकते हैं, फिलहाल तीन सप्ताह का समय बाकी है। वहीं राज्य सरकार ने शासकीय विभागों में आरक्षण रोस्टर के नियमित रूप से पालन के संबंध में जांच करने के लिए प्रकोष्ठ का गठन करने की घोषणा की है।

तीन सप्ताह की बचा समय
सीजीपीएससी हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर अगले वर्ष की राज्य सेवा परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी करता है। करीब 150 पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव मिले हैं। पीएससी के पास तीन सप्ताह का समय है। यदि समय रहते औपचारिकताएं पूरी नहीं हुईं तो सीजीपीएससी जीरो ईयर घोषित हो सकता है।

हाईकोर्ट के निर्णय के बाद प्रदेश में एसटी 20 प्रतिशत, एससी 16 और ओबीसी का 14 प्रतिशत आरक्षण हो गया है। इसके पहले एसटी को 32 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था। इसी विवाद के कारण पीएससी ने राज्य सेवा परीक्षा 2021 के लिए आयोजित 179 पदों के भर्ती परिणाम को भी रोक रखा है। अभी तक साक्षात्कार होते ही पीएससी राज्य सेवा परीक्षाओं के परिणाम जारी करता रहा है। 30 सितंबर को साक्षात्कार की प्रक्रिया हो चुकी है। अब आरक्षण विवाद के सुलझने का इंतजार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में आदिवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए उनके 32 प्रतिशत आरक्षण के मामले में जो भी आवश्यक कदम होगा, उठाया जाएगा। इसके लिए आवश्यक हुआ तो विधानसभा में विशेष सत्र बुलाएंगे और अध्यादेश भी लाएंगे। मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में राज्यभर से पहुंचे आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि राज्य में आरक्षण के मामले में आदिवासी निश्चिंत रहें, उन्हें 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए सरकार कृत संकल्पित है।

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