BEO दफ्तर के घूसखोर लेखापाल चढ़ा ACB के हत्थे
अंबिकापुर। लॉक डाउन के वक्त छत्तीसगढ़ में भ्र्ष्टाचार का खेल धड़ल्ले से खेल जा रहा है। आज ACB की कार्यवाही की गई जिसमें BEO दफ्तर के एक घूसखोर लेखापाल को आज पैसे लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। लेखापाल का नाम पटेल राम राजवाड़े हैं, जो मृत शिक्षक के जीपीएफ और ग्रेच्यूटी समेत अन्य देयक के भुगतान के एवज में पैसे की डिमांड कर रहा था। लेखापाल सरगुजा जिले के लुंड्रा बीईओ दफ्तर में पदस्थ है। मृत शिक्षक की बेटी की शिकायत पर ACB ने लेखापाल को 10 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पिछले चार सालों में दिवंगत शिक्षक के जीपीएफ और ग्रेच्यूटी समेत अन्य बकाये का भुगतान नहीं हो पाया था, लेखापाल बार-बार पैसे की डिमांड कर परिजनों को दौड़ा रहा था। शिकायत करने वाली दिवंगत शिक्षक की बेटी का नाम निर्मला राजवाड़े हैं।
लेखापाल ने अवकाश नकदीकरण के एवज में 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। चार साल से परेशान दिवंगत की बेटी ने इस मामले में ACB से शिकायत की थी। जिसके बाद बुधवार को एसीबी ने रंगे हाथों लेखापाल पटेल राम राजवाड़े को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के मुताबिक लुंड्रा क्षेत्र देवरी प्राइमरी स्कूल में सूरजपुर जिले के डेडरी, सलका निवासी परमेश्वर राम राजवाड़े हेडमास्टर के पद पर पदस्थ थे। 26 अप्रैल 2016 में उपकी आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। प्रधानपाठक के निधन के चार साल बाद भी उन्हें ना तो जीपीएफ, ना ग्रेच्यूटी और ना ही अन्य बकाया राशि मिल पायी थी। इसी बीच पिछले दिनों लेखापाल ने 10 हजार की डिमांड कर आश्वस्त किया कि वो उनका काम करा देगा। इसकी जानकारी निर्मला ने 1 जून को अंबिकापुर के एसीबी दफ्तर को दी।
निर्मला ने अपनी शिकायत में बताया कि जीपीएफ, ग्रेच्यूटी व ग्रुप इंश्योरेंस के लिए पहले ही उसे 5 हजार रुपये वो दे चुकी है। अब अवकाश नकदीकरण के एवज में वो 50 हजार मांगने लगा, हालांकि बाद में वो 10 हजार रुपये में काम करने पर राजी हो गया। शिकायत के आधार एसीबी ने अपनी जांच में शिकायत को सही पाया, जिसके बाद एसीबी ने प्लान बनाते हुए लेखापाल के बुलाये स्थान अंबिकापुर महामाया पेट्रोल पंप के पास घेराबंदी कर लेखापाल को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने रंगे हाथों ही लेखापाल को गिरफ्तार किया है।