बिक गई अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी, RBI के निर्देश पर अधिग्रहण शुरू…
Business News| भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के लिए समाधान योजना को मंजूरी दी है। RBI की मंजूरी के बाद हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) के लिए कंपनी के अधिग्रहण का रास्ता खुल गया है। एक रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार रिलायंस कैपिटल के एडमिनिस्ट्रेटर को 17 नवंबर, 2023 को आरबीआई से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिला।
यह मंजूरी रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है। आरबीआई के इस कदम से हिंदुजा समूह के आईआईएचएल द्वारा अधिग्रहण के पूरा होने का संकेत मिलता है।
IIHL नीलामी के दूसरे दौर में सबसे अधिक बोली वाली कंपनी के रूप में सामने आयी, जिसने रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करने के लिए 9,650 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। अधिग्रहण के लिए लंबी लड़ाई अब आरबीआई की मंजूरी के साथ एक समाधान पर पहुंच गई है। भुगतान में चूक और गंभीर शासन संबंधी मुद्दों के जवाब में आरबीआई ने 29 नवंबर, 2021 को रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था।
पीठ में रिलायंस कैपिटल के खिलाफ सीआईआरपी शुरू करने के लिए एक आवेदन दायर किया था। आरबीआई की हाल ही में समाधान योजना को मंजूरी मिलने के साथ आईआईएचएल का रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करना लगभग तय है।
रिलायंस कैपिटल एक समय में देश की सबसे बड़ी NBFC कंपनियों में से एक थी। सिर्फ यही नहीं, इसके अलावा ये अनिल अंबानी के बिजनेस पोर्टफोलियो की सबसे सफल कंपनी में से एक थी। लेकिन इसके ऊपर संकट के बादल ऐसे छाये कि ये कंपनी कर्ज के बोझ तले डूबते चली गई।
2018 में 93,851 करोड़ रुपये की क़ीमत वाली कंपनी आज भारी घाटे से गुजर रही है हिंदुजा ग्रुप अनिल अंबानी की कंपनी का अधिग्रहण करने के अलावा कंपनी के 500 करोड़ रुपये के कैश बैलेंस का भी अधिग्रहण करेगा। यह डील मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, जिन्होंने कई साल पहले खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था। उन्होंने रिकॉर्ड पर कहा था कि एक समय भारत के प्रमुख व्यवसायी होने के बावजूद उनकी कुल संपत्ति वर्तमान में शून्य है। कंपनी की बिक्री के बाद ऋणदाताओं को 10,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इससे उनका लगभग 65 प्रतिशत निवेश वापस मिल जाएगा।