कोरोना की वैक्सीन नहीं बनती, कोरोना की दवाई है दो गज की दूरी – PM मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शुक्रवार को ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ की शुरुआत की. ये अभियान रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने और औद्योगिक संगठनों के साथ साझेदारी करने पर केंद्रित है. एक बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र और राज्य सरकार के कार्यक्रमों को आपस में जोड़ने के लिए ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ की परिकल्पना की है, जिसमें उद्योगों और अन्य संगठनों के साथ भी साझेदारी की जाएगी.
पीएम मोदी शुक्रवार की सुबह 11 बजे इस योजना की डिजिटल शुरुआत की. इस दौरान वह उत्तर प्रदेश के छह जिलों के ग्रामीणों से भी बात की. राज्य के सभी जिलों के गांव सहज सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए.
अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा- PM
विभिन्न लाभार्थियों से बात करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी ने अपने व्यक्तिगत जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं. हमारे सामाजिक जीवन में भी, गांव में, शहर में, अलग-अलग तरह की कठिनाइयां आती ही रहती हैं. इसकी एक दवाई हमें पता है. ये दवाई है दो गज की दूरी. ये दवाई है- मुंह ढकना, फेसकवर या गमछे का इस्तेमाल करना. जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनती, हम इसी दवा से इसे रोक पाएं.
पीएम ने कहा – मुझे पूरा विश्वास है कि योगी जी के नेतृत्व में, जिस तरह आपदा को अवसर में बदला गया है, जिस तरह वो जी-जान से जुटे हैं, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, वो भी इससे प्रेरणा पाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा चाहे यूपी के डॉक्टर हों, पैरामेडिकल स्टाफ हो, सफाई कर्मचारी हों, पुलिसकर्मी हों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो, बैंक और पोस्टऑफिस के साथी हों, परिवहन विभाग के साथी हों, श्रमिक साथी हों, हर किसी ने पूरी निष्ठा के साथ अपना योगदान दिया है
प्रधानमंत्री ने कहा- आज जब दुनिया में कोरोना का इतना बड़ा संकट है, तब उत्तर प्रदेश ने जो साहस दिखाया, जो सूझबूझ दिखाई, जो सफलता पाई, जिस तरह कोरोना से मोर्चा लिया, जिस तरह स्थितियों को संभाला, वो अभूतपूर्व है, प्रशंसनीय है.
पीएम ने कहा उत्तर प्रदेश के प्रयास और उपलब्धियां इसलिए विराट हैं, क्योंकि ये सिर्फ एक राज्य भर नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश दुनिया के कई देशों से बड़ा राज्य है. इस उपलब्धि को यूपी के लोग खुद महसूस कर रहे हैं, लेकिन आप अगर आंकड़े जानेंगे तो और भी हैरान हो जायेंगे
बता दें कि पीएम मोदी ने 20 जून के बिहार से गरीब कल्याण रोजगार योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत 6 राज्यों के 116 जिलों के प्रवासी श्रमिकों को काम दिया जाएगा. श्रमिकों को 125 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, जिसे मिशन मोड में चलाया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम किया है.
योजना का लाभ लेने के लिए ये होंगे जरूरी कागज और शर्ते:-
इस योजना का लाभ लेने वाला नागरिक उसी राज्य का होना चाहिए जहां योजना क्रियान्वित है.
व्यक्ति के पास आधार कार्ड होना भी अनिवार्य है.
काम पाने वाले नागरिक को अपना निवास प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा.
इस योजना के तहत सिर्फ 18 साल से अधिक लोगों को ही काम दिया जाएगा.
कामगारों को उनके स्किल के अनुसार दिया जाएगा काम.
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एक बयान में कहा गया है, ‘ कोविड-19 महामारी का श्रमबल, खासकर प्रवासी मजदूरों पर प्रतिकूल असर पड़ा है. ऐसे में ये अभियान पूरी तरह रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने और औद्योगिक संगठनों, अन्य संगठनों के साथ साझेदारी करने पर केंद्रित है.’
लगभग 30 लाख प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश में अपने घरों को लौटे आधिकारिक बयान में कहा गया कि लगभग 30 लाख प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश में अपने घरों को लौटे हैं. राज्य के 31 जिलों में ही 25 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर लौटे हैं.