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चिटफंड में धोखा खाने वालों में बंटेगी रकम

राजधानी में अब तक किसी भी चिटफंड कंपनी की सबसे बड़ी प्रॉपर्टी की नीलामी की गई है। इस नीलामी से प्रशासन को 10.30 करोड़ रुपए मिलेंगे। एचबीएन कंपनी की रायपुरा स्थित प्रॉपर्टी की नीलामी से जो रकम मिलेगी उसे इस कंपनी में निवेश करने वाले लोगों को बांटी जाएगी। कंपनी ने 200 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है, जिसमें सिर्फ 10.30 करोड़ वापस हुए हैं।

कबीरनगर में निवेश करने वाले 27800 लोगों के आवेदन पहले से ही प्रशासन के पास मौजूद हैं। हालांकि इस कंपनी में निवेश करने वाले लोगों को एक और मौका दिया जाएगा। जो पिछली बार आवेदन नहीं कर पाए हैं वे फिर से आवेदन कर सकेंगे। सभी लोगों के खातों में रकम ट्रांसफर की जाएगी।

रायपुर तहसील में कंपनी की रायपुरा में स्थित करीब पौने दो एकड़ जमीन की नीलामी शुरू की गई। इसमें कबीरनगर के नितिन कुमार अग्रवाल, आमापारा के दीपक अग्रवाल, अभनपुर के कुंदन बघेल, भाटिया ट्रेडर्स की ओर से गुरमीत सिंग और रविनगर के निर्मल सिंग भाटिया शामिल हुए।

कई तरह के कारोबार का झांसा देकर की थी ठगी
एचबीएन चिटफंड कंपनी ने प्रॉपर्टी, पशुपालक, डेयरी और डेयरी उत्पाद का कारोबार दिखाकर लोगों को झांसे में लिया था। कंपनी के संचालकों ने रायपुर के अलावा धमतरी समेत कई जिलों में अपना नेटवर्क बिछाया था। कारोबार में ज्यादा फायदा देने का झांसा देकर लोगों से 200 करोड़ से ज्यादा की ठगी की थी। उनका ऑफर देखकर लोगों ने जमकर पैसे निवेश किए थे। रायपुर में इस कंपनी का ऑफिस राजेंद्र नगर में था। कंपनी के डायरेक्टरों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

धमतरी कलेक्टर ने दी थी नीलामी की मंजूरी
धमतरी कलेक्टर पीएस एल्मा से कुर्की की सहमति मिलने के बाद रायपुर तहसील के अफसरों ने कंपनी की जमीन की कीमत का आंकलन किया था। जमीन का ऑफसेट मूल्य 10 करोड़ 2 लाख 40 हजार रुपए तय किया गया था। इसी रकम के आधार पर बोली शुरू की गई थी। तय रकम से 28 लाख रुपए ज्यादा में जमीन बिकी है।

अब आगे क्या – एचबीएन कंपनी के निवेशकों से ऑनलाइन आवेदन मंगाए जाएंगे। पहले आवेदन कर चुके लोगों को भी फिर से आवेदन करना होगा। इसमें उन्हें कंपनी में जमा की गई रकम के बांड या रसीद अपलोड करने होंगे। साथ ही पर्सनल जानकारी के साथ खाता नंबर भी देना होगा। दस्तावेजों के आधार पर तय रकम उनके खाते में ट्रांसफर की जाएगी। अफसरों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार लोगों को उनके जमा किए गए पैसे का 30 फीसदी रकम पहले चरण में वापस किया जाएगा।

अब साईं प्रकाश कंपनी की संपत्ति की करेंगे नीलामी
रायपुर प्रशासन ने छह माह पहले साईं प्रकाश डेवलपमेंट की करीब 8 करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क की थी। इस जब्त संपत्ति की बिक्री के लिए अभी तक कोर्ट से अनुमति नहीं मिली है। इस कंपनी ने पैसे दोगुने होने का लालच देकर केवल राजधानी में ही 50 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा किया है। कंपनी ने लोगों से ली गई रकम से पॉश और महंगे इलाकों में जमीन और दुकान की खरीदी की है।

साईं प्रकाश के डायरेक्टरों ने छत्तीसगढ़ आटो केयर के पास राजकुमार कॉलेज परिसर की नजूल जमीन, इसी एक हिस्से में बने दो मंजिला भवन के दूसरे फ्लोर पर स्थित एक हजार वर्गफुट की दुकान खरीदी है। इसके साथ ही सुनील कुमार शर्मा की मोनिका रियल स्टेट के नाम टिकरापारा में 72,630 वर्गफुट जमीन खरीदी। लालपुर रोड पर स्थित कमर्शियल कांप्लेक्स प्रोग्रेसिव प्वाइंट के पांचवें फ्लोर पर 34 दुकानें खरीदी हैं। इन्हें भी नीलाम कर पीड़ितों को बांटा जाएगा।

akhilesh

Chief Reporter

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