कुम्हारी हत्याकांड पर सियासी बवाल:
कुम्हारी के कपसदा गांव में एक ही परिवार के चार सदस्यों की हुई हत्या के बाद अब सियासी बवाल मचना शुरू हो चुका है। इस मामले में भाजपा मुआवजे की मांग कर रही है । उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रही है। तो दूसरी तरफ कांग्रेस कह रही है कि पुलिस ने अपना बेहतर काम किया है लाशों पर राजनीति न करें।
छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने इस हत्याकांड को लेकर अपना बयान जारी किया है । उन्होंने कहा है कि पीड़ित परिवार को सरकार 4 करोड मुआवजा दे । सामूहिक हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार से प्रशासन का कोई नुमाइंदा मिलने नहीं पहुंचा। मंत्री रूद्र गुरु मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कोई संवेदना नहीं दिखाई। इस हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
लाशों पर राजनीति न करें
चंदेल को जवाब देते हुए कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि लाशों पर राजनीति न करें। नेता प्रतिपक्ष से शुक्ला ने आगे कहा कि 4 लोगों की हत्या के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है । पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई की है । नेता प्रतिपक्ष अन्य विषयों पर राजनीति करलें बहुत से विषय हैं। यदि उन्हें ऐसा लगता है कि घटना की कुछ जांच की जानी चाहिए तो संबंधित जानकारी पुलिस को जरूर दें। ऐसे मामलों में बयानबाजी करना शोभा नहीं देता।
15 हजार रुपए विवाद से हत्याकांड तक
मृतक भोलाराम का झगड़ा उसके दोस्त आकाश से हुआ था। भोलाराम के भाई किस्मत का भी भोलाराम से विवाद था ऐसे में किस्मत और आकाश की दोस्ती हो गई । आकाश ने किस्मत को बताया कि वह और भोलाराम ओडिशा में घुरकोटी के बाबा से मोहनी दवा लाते थे, और लड़कियों को वश में करते थे। भोलाराम की बाड़ी में बने मकान में शराब की पार्टियां चला करती थी। ये जानने के बाद किस्मत ने भी मोहनी दवा लाने की बात कही। इस पर आकाश ने 15 हजार रुपए लगने की बात कही थी।
किस्मत भोलाराम से उसी के लिए रुपए मांगने गया था। भोलाराम ने मना कर दिया तो उसने उसकी हत्या का प्लान बनाया। इसके बाद किस्मत, आकाश और टीकम दास धृतलहरे ने साथ बैठकर शराब पी। उसके बाद वह लोग कुल्हाड़ी, सब्बल और फसल काटने का पट्टा लेकर गए और भोलाराम, उसकी पत्नी नैला और 12 साल के बेटे व 7 साल की बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी।