कोयले की कमी से उद्योगों पर गहराया संकट: तालाबंदी की दी चेतावनी
रायपुर – छत्तीसगढ़ के उद्योगों में कोयला संकट गहराते जा रहा है। उद्योगपतियों ने चेतावनी दी है कि यदि कोयला संकट दूर नहीं हुआ तो 15 अगस्त के बाद उद्योगों में तालाबंदी कर सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होंगे। उद्योगपतियों का कहना है कि कोयला संकट की वजह से उद्योगों का उत्पादन भी आधा हो गया है।
छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोल्फील्ड्स लिमिटेड) से स्पंज आयरन उद्योगों का कोयले की सप्लाई को लेकर वर्ष-2017 से मार्च-2022 तक लिंकेज एग्रीमेंट हुआ था। यह एग्रीमेंट अब समाप्त हो गया है। इसकी वजह से उद्योगों को कोयला मिलना बंद हो गया है। उद्योगपति चाहते है कि लिंकेज एग्रीमेंट फिर से आगे बढ़ाया जाए ताकि उद्योगों को कोयला मिल सके। उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश के उद्योगों के पास 15 अगस्त तक का कोयला स्टाक में है, इसके बाद खत्म हो जाएगा।
मिनी स्टील और रोलिंग मिलों पर भी पड़ेगा फर्क
कोयला संकट की मार स्पंज आयरन के साथ ही मिनी स्टील और रोलिंग मिलों पर भी पड़ेगा। बताया जा रहा है कि प्रदेश में इन तीनों सेक्टर के उद्योगों की संख्या करीब 700 है। सभी उद्योगों में उत्पादन आधा हो गया है। उत्पादन आधा होने के कारण बाजार में स्टाक की भी किल्लत हो रही है, जिसका असर कीमतों में पड़ रहा है।
कोल और स्टील मंत्रालय में रखेंगे अपनी बात
उद्योगपतियों का कहना है कि अपनी मांग को लेकर जल्द ही उद्योगपति प्रदेश शासन के साथ ही कोल मंत्रालय और स्टील मंत्रालय में अपनी बात रखेंगे। उद्योगपतियों का कहना है कि प्रदेश शासन को इस मामले में मध्यस्थ्ता करनी चाहिए।
सरिया की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी
लोहा बाजार में मांग न होने के बाद भी सरिया की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी है। उद्योगपतियों का कहना है कि इसका मुख्य कारण महंगा कोयला है। भले ही आयरन ओर की कीमतों में थोड़ी कमी आई है लेकिन कोयला अभी भी 20 हजार रुपये प्रति टन मिल रहा है। इसके चलते ही सरिया की कीमतों में भी तेजी है। रिटेल मार्केट में सरिया 66 हजार रुपये प्रति टन बिक रहा है।