अब अपराधियों की खैर नहीं, 15 अगस्त से शुरू होगा राज्य का पहला साइबर पुलिस स्टेशन
अमित दुबे – रायपुर | राज्य में साइबर अपराधियों की गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस तैयार हो गई है और पुलिस मुख्यालय में पहला साइबर थाना का निर्माण कर चुकी है। साथ ही थाने को अन्तिम रूप दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस मुख्यालय में 15 अगस्त से प्रदेश का पहला साइबर थाना शुरू होगा। राज्य पुलिस के अधिकारी इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। राज्य सरकार के निर्देश के बाद पुलिस साइबर थाने को संचालित करेगी। बताया जा रहा है की केंद्रीय गृह मंत्रालय के ज्वाइंट साइबर इन्वेस्टिगेशन प्लेटफॉर्म तैयार किया है। इसमें बैंक, ऑनलाइन शॉपिंग साइट, इंटरनेट प्रोवाइडर, टेलीकॉम कहानियां और सभी जांच एजेंसियां जुड़े रही हैं।
ठगी होने पर तत्काल एक्टिव होगी पुलिस-
बताया जा रहा है कीकिसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी होने पर बैंक और इंटरनेट प्रोवाइडर तत्काल जानकारी उपलब्ध कराएंगे। इससे अपराधियों को पकड़ने और मामले की विवेचना करने में आसानी होगी। साथ ही गिरोह का संचालन करने वाले तक पहुंचने में मदद भी मिलेगी।
बनाया जा रहा को-ऑर्डिनशन सेंटर-
पीएचक्यू में रीजनल साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर तैयार किया गया है। यहां अत्याधुनिक कम्प्यूटर और डाटा एनालिसिस के लिए मशीनें भी लगाई गई हैं। इससे इंटरनेट का आईपी एड्रेस, कमांड सेंटर और ठगी करने वाले के लोकेशन का पता करने में आसानी होगी। वहीं, किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी होने पर रकम के ट्रांजेक्शन को रोकने में भी मदद मिलेगी।उल्लेखनीय है कि इस समय साइबर अपराध की जांच जिलों में बनाए गए साइबर सेल द्वारा की जाती है। लेकिन अत्याधुनिक मशीने नहीं होने के कारण अधिकांश मामलों की जांच नहीं हो पा रही थी।
5 विशेषज्ञ की टीम गठित-
साइबर थाना का संचालन करने एक वरिष्ठ उप पुलिस अधीक्षक, एक निरीक्षक, एक सब इंस्पेक्टर समेत करीब 5 विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया है। यह सभी साइबर अपराध और उसकी विवेचना में दक्ष बताए जाते है। किसी भी तरह की ठगी और धोखाधड़ी व हैकिंग से संबंधित मामलों को सुलझाएंगे।
थाना से जुड़ेंगे सभी सेल-
साइबर थाना से सभी जिलों में बनाए गए साइबर सेल को जोड़ा जाएगा। साथ ही किसी भी तरह का अपराध घटित होने पर उन्हें तुरंत जानकारी दी जाएगी। सेल में तैनात पुलिसकर्मियों को हाईटेक अपराध की जांच करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।