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HRD मंत्रालय ने अभिभावकों से मांगे सुझाव, स्कूल कब और कैसे खोले जाएं ?

नई दिल्ली | केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अभिभावकों से उनके सुझाव मांगते हुए पूछा है कि स्कूल अगस्त या सितंबर या कब और कैसे खोले जाएं। इसके लिए मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों को एक पत्र लिखा है। पत्र के जरिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि स्कूल फिर से खोले जाने के विषय पर अभिभावकों से उनकी राय पूछी जाए।

पत्र में कही गयी ये बात-

मंत्रालय ने कहा कि अभिभावकों से पूछा जाए कि वो स्कूलों को दोबारा कब खोले जाने पर सुविधाजनक महसूस करते हैं, अभिभावकों के मुताबिक स्कूलों को अगस्त, सितंबर या अक्टूबर किस महीने में खोला जाना चाहिए?

इसके अलावा ये भी पूछा है कि अभिभावकों की स्कूलों से क्या अपेक्षा है। वे क्या चाहते हैं कि स्कूल कब से दोबारा शुरू कर दिए जाएं। स्कूल खोले जाने और छात्रों की सुरक्षा से जुड़े विषय पर अभिभावक चाहें तो कोई अन्य फीडबैक अथवा सुझाव भी दे सकते हैं। केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे 20 जुलाई तक सुझाव हासिल करने के लिए अभिभावकों को ई-मेल करें।

जब वैक्सीन बने तभी खोले जाएं स्कूल-

दिल्ली पेरेंट्स ऐसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने बातचीत में कहा कि हमें हर तरफ से अभ‍िभावकों की प्रतिक्र‍ियाएं मिल रही हैं। वो बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क हैं। अभ‍िभावकों का कहना है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन न बन जाए तब तक स्कूल न खोले जाएं। या फिर जब तक लंबे समय तक कोरोना पेशेंट रिपोर्ट न किए जाएं तब भी स्कूल खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सत्र 2020-21 में, कक्षा 8 तक के छात्रों को आरटीई अधिनियम के तहत अगली कक्षा में पदोन्नत किया जाना चाहिए। अगर हालात सही नहीं होते हैं तो बोर्ड सहित शेष कक्षाओं के लिए परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जा सकती है।

बता दें कि देश भर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मार्च से ही स्कूल बंद हैं। लॉकडाउन के दौरान स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए बच्चों की क्लास ले रहे हैं। वहीं अभ‍िभावक इस बात को लेकर च‍िंतित भी हैं कि ऑनलाइन माध्यम से कैसे उनके बच्चों का सिलेबस पूरा होगा। वहीं सीबीएसई समेत कई बोर्ड ने अपना 30 फीसदी तक सिलेबस घटा दिया है। लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं में ये कम नहीं किया गया है।

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