घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाएं महिलाएं ; डा. किरणमयी नायक
रायपुर – प्रदेश भर की महिलाओं को घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। साथ ही शिकायत करने आगे आई महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाया जा रहा है, ताकि महिलाओं को आत्मविश्वास बढ़े और वे सम्मान के साथ जीवनयापन करे। इसके अलावा कामकाजी महिलाओं के साथ होने वाले अशोभनीय व्यवहार पर कार्रवाई करके महिलाओं को उत्पीड़न से बचाया जा रहा है।
प्रदेश भर में जागरूकता फैलाने के लिए मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ का शुभारंभ किया गया है। इसके जरिए महिलाओं को निश्शुल्क कानूनी सहायता दी जाएगी। यह कहना है राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा.किरणमयी नायक का।
महिला आयोग कार्यालय में डा.नायक ने बताया कि हरेली पर्व के अवसर पर महिला आयोग की पहल पर मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ को हरी झंडी दिखाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रवाना किया है। इस यात्रा से गांव-गांव में महिलाओं को जागरूक किया जाएगा।
रथ के माध्यम से राष्ट्रीय विधिक जागरूकता पर बनी और पुरस्कृत लघु फिल्मों को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गौतम भादुरी की अनुमति से दिखाया जा रहा है। इसमे मुख्य रूप से भोर के किरण- (टोनही प्रताड़ना), नन्ही परी- (भ्रूणहत्या), कैसे कहूं ना- (नशामुक्ति), ‘बोलते दरख्त” – (मानव तस्करी), भंवर – साइबर क्राइम, खुशी- (पास्को एक्ट, घरेलू हिंसा गुडटच, बैडटच), फुलवा- (घरेलू हिंसा और नशा), ‘अधिकार किसका”- प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण, दहेज, स्त्री शिक्षा, नाबालिग- अवयस्क विवाह, घर से भाग जाना, सार्थक- बालश्रम (बंधुवा मजदूर) जैसी फिल्मों को दिखाया जा रहा है।
प्रत्येक महतारी न्याय रथ में दो अधिवक्ता, महिलाओं की समस्याओं को सुनकर सलाह देंगे। न्याय रथ के माध्यम से महिलाएं आवेदन भी दे सकेंगी। प्रथम चरण में प्रदेश के नौ जिलों दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव, बलौदाबाजार-भाटापारा, महासमुंद, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर में यात्रा पहुंचेगी