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प्रदेश में स्वाइन फ्लू की रफ़्तार हुई तेज, ले सकता है भयंकर रूप

28 अगस्त- छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के मामले प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहे है। इस मामले में रायपुर स्वाइन फ्लू का हॉटस्पॉट बन गया है, यहाँ सबसे अधिक पॉज़िटिव मरीज पाए जा रहें हैं। आज फिर प्रदेश में इलाज के दौरान दो लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। इससे पहले भी प्रदेश में यह संख्या 7 लोगो की थी। आज जिन दो लोगों की मृत्यु हुई है उनमे एक 62 वर्षीय और 72 वर्षीय महिलाएं हैं, जिन्हें स्वाइन फ्लू के साथ अन्य गंभीर बीमारियो की बात भी सामने आयी है।

ये महिला बेमेतरा और बिलासपुर की निवासी थी
इससे पहले दुर्ग संभाग के बेमेतरा जिले के ग्राम पंचायत सहसपुर में स्वाइन फ्लू से 72 वर्षीय बुजुर्ग पुरुष की मौत हो गई। पीड़ित का इलाज भिलाई के निजी अस्पताल में चल रहा था। साजा ब्लाक के डीएमओ डॉक्टर अश्वनी कुमार वर्मा ने इसकी पुष्टि की है। अचानक बुखार व सीने में दर्द होने पर बुजुर्ग को भिलाई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वाइन फ्लू से जिले में मौत का यह पहला मामला है। इससे पहले कवर्धा औऱ बालोद में दो बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही बिलापुर कि एक बुजुर्ग महिला की भी मौत हो गई।

भिलाई में चल रहा था इलाज
मृतक रामेश्वर साहू ग्राम सहसपुर का रहने वाला था। बुखार व सीने में दर्द व सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन उसे इलाज के लिए धमधा के निजी अस्पताल ले गए थे। वहां डॉक्टर ने जांच के बाद मरीज को रायपुर ले जाने की सलाह दी। एम्स रायपुर में जांच के बाद डॉक्टर ने बुजुर्ग की गंभीर स्थिति को देखते हुए किसी दूसरे अस्पताल में ले जाने कहा। इस पर परिजन उसे भिलाई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराए, जहां शुक्रवार रात को बुजुर्ग की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गई है।
गांव से आधा किलोमीटर दूर शव को दफनाया
शनिवार को भिलाई से मुक्तांजली वाहन में शव को सहसपुर गांव लाया गया। यहां गांव से आधा किमी दूर जगह पर जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदकर डॉक्टरों की टीम ने पीपीई किट पहनकर शव को दफनाया। साजा बीएमओ डॉ. एके वर्मा ने बताया कि डॉक्टर की टीम को मृतकों के परिजनों की जांच करने भेजा गया है। परिजनों को दवाई दी जाएगी।

पुणे व नासिक से लौटे थे मृतक के परिजन
मृतक का बेटा नासिक (महाराष्ट्र) और बेटी पुणे (महाराष्ट्र) में रहते हैं। कुछ दिन पहले दोनों अपने गांव सहसपुर आए हैं। साजा बीएमओ डॉ. वर्मा ने बताया कि फिलहाल परिजनों को दवा दी जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य जांच भी किया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में गलियों की सफाई नहीं होने से गंदगी पसरी हुई है। प्रतिदिन बुखार, सर्दी- खांसी के करीब 25 मरीज आसपास के गांवों में पहुंचकर इलाज करा रहे हैं।

रायपुर में सबसे ज्यादा मामले

राज्य में सबसे ज्यादा मरीज राजधानी रायपुर में ही पाए गए हैं। ऐसे में राजधानी स्वाइन फ्लू का हॉटस्पॉट बना हुआ है। यहां अब भी 54 मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं प्रदेश भर में सक्रिय मरीजों की कुल संख्या 86 है। प्रदेश के दूसरे जिलों के अधिकतर मरीज भी रायपुर में ही हैं। दूसरे प्रदेशों से आए 7 मरीजों की इलाज भी रायपुर में ही चल रहा है।

इन लोगों को सबसे अधिक खतरा

डॉक्टरों के मुताबिक़ हृदय रोग, श्वसन संबंधी रोग, लीवर रोग, किडनी रोग, डायबिटीज, एचआइवी और कैंसर से पीड़ित या ऐसे मरीज, जो स्टेराइड की दवा का सेवन लंबे समय से कर रहे हों, उन पर स्वाइन फ्लू का सबसे अधिक खतरा रहता है। तेज बुखार के साथ खांसी, नाक बहना, गले में खराश, सिर दर्द, बदन दर्द, थकावट, उल्टी, दस्त, छाती में दर्द, रक्तचाप में गिरावट, खून के साथ बलगम आना व नाखूनों का नीला पड़ना आदि स्वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते हैं।
प्रदेश में 86 लोगों का चल रहा इलाज
राजधानी समेत कई शहरों में स्वाइन फ्लू के मामलों में दिन प्रति दिन वृद्धि होती नजर आरही है। अब तक राज्य में 161 मरीजों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 86 मरीजों का अस्पताल में इलाज अब भी जारी है। जबकि संक्रमित की संख्या 161 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मरने वालों में एक महिला बिलासपुर जिले की थी। वहीं दूसरी महिला रायपुर जिले की ही निवासी थी। इनमें से एक को रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया था। दूसरी महिला का इलाज रायपुर के ही एक निजी अस्पताल में हो रहा था। उनमें कई दिन पहले स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी।

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