FEATUREDछत्तीसगढ़शिक्षा

सिनेमा वाले बाबू ने मोहल्लों में जाकर बच्चों को कराई पढ़ाई

रायपुर | सिनेमा वाला बाबू एलईडी टीवी के द्वारा वीडियो दिखाकर कक्षा पहली से 5 कक्षा के विभिन्न विषयों को वीडियो के माध्यम से दिखाने से बच्चों में उत्सुकता बढ़ी और बच्चे बहुत ही मनोरंजक ढंग से विषय वस्तु को सीखे। नियमित उपस्थित होकर विभिन्न गतिविधियों में भी भाग भी लिया। बच्चों को सिनेमा वाले बाबू का इंतजार समय पर रहता है और वे उनके आने का रास्ता देखते है।

सत्र 2019-20 का अंत और 2020-21 का शुरूवात कोविड- 19 वायरस के साथ हुआ। पूरी दुनिया इसके चपेट में बुरी तरह से जकड़ी हुई है। धीरे धीरे कार्यालय एवं दुकाने समय के साथ खुलने लगी, परंतु सबसे बड़ा नुकसान शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को हुआ। स्कूल कॉलेज पूरी तरह से बच्चों के लिए बंद रहे, जिससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई। जिसके मददेनजर कोरिया जिले के शासकीय प्राथमिक शाला फाटपानी विकास खण्ड बैकुण्ठपुर के सहायक शिक्षक श्री अशोक सिंह लोधी द्वारा बच्चे के घर तक पढाई को ले जाने का विचार मन में आया। उन्होंने मोटरसाइकिल चलित वाहन पर में एलईडी टीवी बांधकर चौराहे-चौराहे एवं मोहल्ले में सिनेमा दिखा कर बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा का कार्य किया। इस गतिविधि को सिनेमा वाले बाबू के नाम से चलाया। यह गतिविधि स्कूल तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि संकुल के अन्य स्कूल ग्राम पंचायत के मोहल्ले में जाकर बच्चों को वीडियो दिखा कर मुख्य शिक्षक मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया। इस गतिविधि से सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इससे बच्चे वीडियों के माध्यम से पढ़ाई के कारण भारी मात्रा में जुड़े और वीडियों के माध्यम से पढ़ाये गये विषय वस्तु को देखकर सीखे और गृहकार्य भी किए।
कोरिया जिले में इसके अलावा गाँव में मोहल्ले-मोहल्ला क्लास का संचालन किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से पांडवपारा (नवापारा) पांडो पारा (पुरान पारा) एवं फाटपानी के खालपारा आदि शामिल है। मोहल्ला क्लास में विद्यार्थी के पहुंचने के पश्चात उनकी सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए बैठक व्यवस्था की गई। बैठने के पूर्व बच्चे साबुन से हाथ धो कर एवं सैनिटाइजर का उपयोग करते हुए साथ ही मास्क लगाते हुए मोहल्ला क्लास में हिस्सा लेते। शिक्षक श्री लोधी द्वारा मोहल्ला क्लास स्वयं एवं शिक्षा सारथी के सहयोग से चलाया गया। मोहल्ला क्लास में प्रोजेक्टर के माध्यम से एवं एलईडी टीवी के माध्यम से एवं लपेट श्यामपट्ट द्वारा पढ़ाई करायी गई। इसके साथ ही मोहल्लों में लाउडस्पीकर क्लास भी संचालित की गई, जो प्रतिदिन घंटे का संचालित की गई। लाउडस्पीकर क्लास लेते समय बच्चे अपने घरों के बाहर में बैठकर लाउडस्पीकर के आवाज सुनकर विषय वस्तु को अपने नोटबुक में लिखते हैं। इसके पश्चात घर-घर जाकर होमवर्क का अवलोकन किया जाता है अभिभावकों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है उनके मोबाइल में बूल्टू के बोल ऑडियो रिकॉर्ड किए हुए वॉइस रिकॉर्डर ब्लूटूथ के माध्यम से देकर यह अपने घरों में ऑडी रिकॉर्ड सुनते हुए विषय वस्तु तक खोलकर पढ़ते। समझ में नहीं आने पर बच्चों द्वारा मिस कॉल गुरुजी के तहत मिस कॉल दिया जाता। कोविड-19 वायरस के दौरान प्रारंभ में वर्चुअल ऑनलाइन क्लास प्रारंभ किया गया। प्रारंभ में जूम एप के द्वारा वर्चुअल ऑनलाइन क्लास प्रारंभ किया गया। शिक्षक श्री लोधी ने क्लास प्रारंभ करने के लिए अभिभावकों के पास जाकर उनके एंड्राइड मोबाइल में जूम एप डाउनलोड किया। इसके पश्चात इस ऐप के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन क्लास में जोड़ा गया। ऑनलाइन क्लास के दौरान यह महसूस हुआ कि सभी बच्चों के पास अभिभावकों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं, जिसके कारण सभी बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से नहीं जोड़ पा रहे थे।
Read More :ऐसा क्या हुआ कि आधी रात हो गया SSP का तबादला…
कुछ दिन बाद सिस्को वेवैक्स के माध्यम से ऑनलाइन क्लास उन पर प्रारंभ की गई। उसके बाद ऑनलाइन क्लास लेना प्रारंभ किया, जिससे बच्चे एवं शिक्षक दोनों का रिकॉर्ड सीआरटी एवं रजिस्टर्ड ऐप्लिकेशन जानकारी अपलोड हो सके। ऑनलाइन क्लास द्वारा जिले में एवं संकुल में इसके पश्चात निरंतर शाला स्तर पर भी लिया गया। ऑनलाइन क्लास से बच्चे जुड़कर लाभान्वित हुए। वर्चुअल क्लास लेने के लिए विषम परिस्थितियों में संकुल के शिक्षकों को भी वर्चुअल के क्लास लेने हेतु ऑनलाइन मीटिंग प्रशिक्षण दिया गया। वर्चुअल क्लास हेतु शैक्षिक समन्वयक के द्वारा ऑफलाइन बैठक आयोजित की गई। जिसमें ऑनलाइन क्लास मीटिंग लिंक बनाने हेतु शिक्षकों को प्रयोग के तौर पर प्रशिक्षण देते हुए बताया तथा साथ शिक्षकों को पीपीटी पावर प्रजेंटेशन बनाने की जानकारी दी गई।
 Read More :फिल्म मद्रास कैफे की नायिका ठगी के आरोप में गिरफ्तार…
ऑनलाइन के माध्यम से बीच-बीच में विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। वर्तमान में ऑनलाइन क्लास जिला स्तरीय विद्यालय स्तरीय में निरंतर लिया जा रहा है। इसमें गीत, कहानी, कविता आदि आयोजित किए जा रहे है। जिसमें प्राथमिक माध्यमिक दोनों ही स्तर के बच्चे अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त वर्चुअल क्लास में बच्चे होमवर्क पूरा कर व्हाट्सएप में भेजते है, जिसे चेक करके शिक्षक द्वारा वापस व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा जाता है। जिससे बच्चे द्वारा भेजे गये होमवर्क का अवलोकन कर सकें कि क्या सही है और कहां पर गलत हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow Us

Follow us on Facebook Follow us on Twitter Subscribe us on Youtube