सुशांत सिंह राजपूत की मौत की चिंगारी ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म के खिलाफ जलाई मशाल
नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद नेपोटिज़्म पर शुरू हुई बहस अब तक जारी है। इस मुद्दे पर अब तक कई स्टार्स के बयान सामने आ चुके हैं। कुछ स्टार्स ने नोपोटिज़्म के सपोर्ट में बयान दिया है, तो कुछ ने इसे फिल्म इंडस्ट्री की गंदी राजनीति करार दिया है। अब नेपोटिज़्म पर मशहूर म्यूजिक कम्पोजर और सिंगर अमित त्रिवेदी ने भी बयान दिया है जो थोड़ा चौंकाने वाला है। अमित सुशांत के साथ ‘काई पो चे’ और ‘केदारनाथ’ में काम कर चुके हैं। अमित ने ‘काई पो चे’ का ‘मांझा’ और ‘केदारनाथ’ का ‘नमो नमो शंकरा’ और ‘काफिराना’ कम्पोज़ किया था।
बॉलीवुड लाइफ से बात करते हुए अमित ने कहा, ‘जब भी मैं इन गानों के साथ स्टेज पर परफॉर्म करूंगा तो सबके दिमाग में सबसे पहली चीज सुशांत आएगी… कि कैसे उसने ये कदम उठाकर हम सबका दिल तोड़ दिया। वजह चाहें जो भी रही हो पर उसने ये कदम उठाया। मैं उस वक्त सचमुच बिखर गया था, मेरा दिल टूट गया था। हमने साथ में बहुत करीब से एक दूसरे के साथ काम किया है, इतने बड़े नुकसान से डील कर पाना बहुत मुश्किल है’।
नेपोटिज़्म पर छिड़ी बहस को अमित ने बकवास और टाइम वेस्टेड बताया और कहा, ‘नेपोटिज़्म बकवास है। ये एकदम टाइम वेस्टेड टॉपिक है, जिस पर लोग अभी बात कर रहे हैं। नेपोटिज़्म जैसा यहां कुछ नहीं है। अगर नेपोटिज़्म कहीं है तो केवल हीरो और हीरोइनों के बीच है, वरना कहीं नहीं है। किसी के पिता इस बात से परेशान नहीं हैं कि उनका बेटा डायरेक्टर है, म्यूजिक डायरेक्टर है या सिंगर। आपको ये सवाल केवल एक्टर्स से पूछना चाहिए। और किसी को इस बात से परेशानी नहीं है, मैं नहीं हूं। म्यूजिक इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म जैसा कुछ नहीं है’।