तर्ज़ के साथ कई चरणों में खोलें जाएंगे स्कूल, गाइडलाइन तैयार
नई दिल्ली | कोरोना वायरस संक्रमण थम नहीं रहा है। इस कारण दो माह देश में लॉकडाउन रहा। स्कूल-कॉलेज भी बंद रहे। ऐसे में अब बड़ी चुनौती है कि आखिर स्कूल-कॉलेज कैसे खोले जाएँ और पढ़ाई कैसे शुरू हो। इसका जवाब एनसीईआरटी ने केंद्र सरकार को सौंपा है। एनसीईआरटी की गाइडलाइन के अनुसार, स्कूल ऑड-ईवन के आधार पर खोले जाएंगे। बच्चों के ऑड-ईवन रोल नंबर के आधार पर स्कूल तीन-तीन दिन बुलाया जाएगा। बच्चे एक साथ स्कूल नहीं जाएंगे। क्लस भी दो शिफ्ट में होंगी। इसके साथ ही क्लास बंद कमरों की बजाय खुले मैदान में लगाई जाएं, ये सुझाव है और स्कूल में एसी नहीं चलाई जाएगी। इसके साथ ही बच्चे की डेस्क पर उसका नाम भी लिखा जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि बच्चा हर दिन एक ही जगह पर बैठे। हर बच्चे के लिए मास्क पहनना ज़रूरी होगा।
कई चरणों में खोले जाएंगे स्कूल
सबसे पहले 11वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू होंगी। 1 सप्ताह बाद दूसरे चरण में 9वीं और दसवीं की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। दो हफ्ते बाद 6वीं से आठवीं तक कक्षाएं शुरू होंगी। 3 हफ्ते बाद तीसरी से पांचवी तक की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। 4 हफ्ते बाद पहली से दूसरी की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। 5 हफ्ते बाद अभिभावकों की सहमति से ही नर्सरी केजी की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। एनसीईआरटी के गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल में बच्चों को ऑडी वन के आधार पर बुलाया जाएगा। सलाह दी गई है कि कमरे के बजाय खुले में पढ़ाई हो तो बेहतर होगा।
इस गाईडलाईन में स्पष्ट कहा गया है कि क्लास में बच्चों के बीलाईन में बैठने की दूरी 6 फीट होनी चाहिए। एक क्लास रूम में 30 से 35 बच्चे ही बिठाए जायेगें। क्लास रूम में दरवाजे खिड़कियां सब खुली रहेगीं। स्कूल डेस्क पर सभी बच्चों का नाम लिखा होना चाहिए।अपने स्थान पर ही छात्र बैठेगें। मॉर्निंग वाक और मॉर्निंग असेंबली और वार्षिकोत्सव जैसे आयोजन नहीं किए जाएंगे। बच्चों और स्कूल के स्टाफ के प्रवेश से पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी है।
रोजाना सैनिटाइज हों, ये सुनिश्चित करना प्रबंधन का काम होगा। मॉर्निंग असेंबली और एनुअल फंक्शन जैसा कोई आयोजन नहीं होगा। स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों और स्टाफ की स्क्रीनिंग होगी। स्कूल के बाहर खाने-पीने के स्टॉल नहीं लगाए जाएंगे। बच्चों के लिए कॉपी, पेन, पेंसिल या खाना शेयर करने की मनाही होगी। बच्चों को अपना पानी साथ लाना होगा। हर बच्चे के लिए मास्क पहनना जरूरी होगी। स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल न रखने पर बच्चे के पेरेंट्स को सूचित किया जाएगा।