नहीं थम रही राजधानी में सत्टोरियो की टोली…
रायपुर । राजधानी में सट्टा चलाने वालों पर पुलिस मुरीद है। इसका नजारा देखना है तो थाना पुरानीबस्ती में ब्रम्हपुरी, कुशालपुर,कोतवाली में रवि साहू ,गोलबाजार थाना के सामने वाली गली से लेकर रेलवे स्टेशन में सुलभ शौचालय तक नजारा देखने को मिल जायेगा | सूत्र बताते है कि लंबे समय से चले आ रहे ईरानी डेरा में पुलिस के जवान तक सट्टा लगाने जाते हैं जिस पर कार्यवाही करना तो दूर कोई पुलिस वाले सोच भी नहीं सकते है।
सूत्रों की माने तो थाना में बकायदा सट्टा के लिए बोली लगी थी, अभी ठेका समाप्त नहीं हुआ है जिसके चलते पुलिस अख़बार में छपे ख़बर और कप्तान साहब को खुश करने के लिए कुछ सटोरियों पर कार्यवाही कर वाह – वाही लूट, अपना पल्ला झाड़ लिए हैं। साहब भी इस कार्यवाही से खुश हो कि कार्यवाही और लॉ -एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए कार्यवाही हो गई है। लेकिन कप्तान साहब से अब भी आंख मिचौली का खेल जारी है।
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थाना के सामने सट्टा ने पुलिस पर खड़ा किया सवाल?
राजधानी के थाने के सामने में ही सट्टा का कारोबार फल- फूल रहा है। जहां बकायदा सात से आठ लोग एक साथ बैठ कर लाखों की पर्ची लिखते नजर आ जाएंगे। इसी को कहते है “दिया तले अंधेरा” लेकिन इस बात की भी दाद देनी पड़ेगी की कप्तान साहब को भनक तक लगने नही दिया जाता है। सूत्र बताते है की इसका भी ठेका बकायदा थाने में सीएसपी व थाना प्रभारी दोनो मिल कर दिए थे।
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ब्रम्हपुरी में कार्यवाही के बाद पुनः संचालित
ब्रम्हपुरी में “प्रतिदिन राजधानी” ने पड़ताल कर प्रमुखता से ख़बर प्रकाशित किया था। “सट्टे ने शहर को सड़ा दिया”…? लेख लिख कर कप्तान साहब के संज्ञान में लाया था दिखावे के लिए कार्यवाही तो हुई लेकिन अब पुनः धड़ल्ले से कुशालपुर और ब्रम्हपुरी में सट्टा संचालित हो रहा हैं। सूत्र बताते हैं कि प्रभारी साहब और सीएसपी साहब के जिसके ऊपर जिनका हाथ हो भला उसका कौन क्या बिगाड़ सकता है? यह बात भी सही है ! लेकिन रायपुर वासी जब एसएसपी प्रशांत अग्रवाल के आते ही होने वाली कार्यवाई को देख यह समझने लगे थे कि मामले को ई कोई दबंग आ गया है जो भूचाल मचा देने की क्षमता रखता है। लेकिन थाना प्रभारी, कप्तान साहब तक पहुंचने ही नही देते हैं। खैर देखना यह होगा कि आख़िर सटोरियों पर लगाम कब तक लग पाता है।
कप्तान साहब की बातों को नज़र अंदाज़
एसपी प्रशांत अग्रवाल के आदेश को थाना प्रभारी नज़र अंदाज करते हैं ऐसी चर्चा आम है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने सट्टे को लेकर कहा था कि, बकायदा थानों में इसकी बोली लगाई जाती है, यह बात भी अब सच साबित होते जा रही है। राजधानी की बात करें तो कप्तान साहब बाईक में घूमकर इसका जायजा ले सकते हैं। जहां वे पाएंगे की राजधानी के हर गली मोहल्ले में सट्टे का बाजार गर्म है।
साइबर सेल बना वसूली का अड्डा
साइबर सेल को लेकर पहले भी डीजीपी डीएम अवस्थी ने भंग करने का आदेश जारी किया था। लेकिन अब भी यह संचालित हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि सटोरियों द्वारा साइबर सेल को बकायदा महीना पहुंचाया जाता है जिससे उनको आसानी से सट्टा चलाने को मिलता है।
हर गली मोहल्ले में सट्टा का कारोबार सरकार के संरक्षण में चल रहा है जिसके चलते अपराध बढ़ते जा रहे हैं, यही कारण है कि छत्तीसगढ़ अपराध का गढ़ बन गया है।
– श्रीचंद सुंदरानी, भाजपा शहर अध्यक्ष
15 साल से सट्टा और हुक्का चलवाने वाले भाजपा अब नैतिकता की बात कर रहे हैं। भाजपा के लोगों का हुक्का पानी बंद हो जाने से सुंदरानी जी तिलमिला गए हैं।
– गिरीश दुबे, कांग्रेस शहर जिला अध्यक्ष