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अधिकारियों-कर्मचारियों को दो टूक- “दायित्वों को निष्ठापूर्वक निर्वहन करें”…नरवा के कामों की मानिटरिंग कलेक्टरों को करने के निर्देश… CM

जगदलपुर     –      मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मैराथन दौरा जारी है। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार आमलोगों से मिल रहे हैं और विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। आज जगदलपुर में दौरे के आखिरी दिन उन्होंने अधिकारियों के साथ विभागीय योजना की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कहा कि हमें मूलरूप से नाला पर काम करना जरूरी है, खेती का समय आ रहा है। पानी की आवश्यकता सभी को है, यदि पानी की कमी रही तो जानवर शहरों का रुख करते हैं, पक्षी पलायन करते हैं।

उन्होंने कहा कि लोगों की आय में जबरदस्त वृद्धि दर्ज हुई है। हमारी नीतियों का लाभ मिल रहा है। खेती के प्रति आकर्षण बढ़ गया है तो पानी की जरूरत बढ़ी है।पानी की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए पानी को सहेजने की आवश्यकता है। फ़ारेस्ट एरिया में नरवा नालों में स्टाप डेम का विकास ज़रूरी है। नदी नालों में जल का स्तर कम हो गया है इसलिए हमें प्राथमिकता के साथ जल संरक्षण के कार्य करने हैं।

उद्योग मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचन्द जैन, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल , विधायक राजमन बेंजाम, मुख्यमंत्री के सचिव सिदार्थ कोमल सिंह परदेशी सहित अधिकारी बैठक में मौजूद थे। नरवा के कामों की मॉनिटरिंग कलेक्टर करें, चाहे वे वन क्षेत्रों में भी हों। जमीन एवं वनों के वास्तविक स्वामी आदिवासी हैं, वन विभाग की जिम्मेदारी प्रबंधक की है।आय बढ़ी तो लोगों के जेब में पैसा आया है, यही कारण है कि साढ़े तीन साल में नक्सली कम हुए। अब भर्ती तक नही कर पा रहे हैं। सब ग्रामीणों को काम मिलेगा तो नक्सली भर्ती बन्द होगी, नक्सली अपने आप खत्म होंगे।

उपलब्ध चीज़ों का वैल्यू एडिशन करते जाएं, आय बढ़ेगी। सभी विभागों का उद्देश्य सभी को काम मिले, यह होना चाहिए। लोगों को रोजगार से जोड़े, कृषि कार्य में संलग्न करें, वनोपज संग्रहण, वनोपज का वैल्यू एडिशन करें, इससे लोग प्रोत्साहित होंगे। पानी की प्रबन्ध पहली आवश्यकता है। स्थानीय किसानों को तिलहन फसल लगाने के लिए प्रेरित करें। साढ़े तीन साल में बड़ा बदलाव आया है। लोगों का बढ़ा है विश्वास। राजस्व प्रकरणों के निराकरण हेतु शिविर लगाएं।

अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे सरकार के फैसलों की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों को दें।सभी अधिकारी-कर्मचारी दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करें। आप सभी के सहयोग हम साढ़े तीन वर्षों में लोंगो का विश्वास जितने में सफल हुए हैं।

सबसे ज्यादा डिमांड सहकारी बैंक की आ रही है। बैंकिंग काम तेजी से करें। बैंक की मांग लगभग सभी जगह है, जहां घोषणा हुई है, वहां बैंक खोलें।हाट बाजार क्लिनिक को और मजबूत करें, बारिश में जल आधारित बीमारियों के बढ़ने की आशंका रहती है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग सजगता काम करे।वनधन, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी भूमिहीन कृषि न्याय योजना बस्तर के लोंगो के लिए बहुत हितकर साबित हो रहा है। लोग शासकीय योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, खेतों के प्रति रुझान बढ़ रहा है।

राशन कार्ड सबका बना है, सबको राशन मिल रहा है,परंपरागत खेती, कोदो, कुटकी का रकबा भी बढ़ा है। मैं जहाँ भी जा रहा हूँ लोग बैंक मांग रहे हैं, इसका मतलब है लोगों के पास पैसा आ रहा है।

बस्तर बदलाब की तरफ बढ़ रहा है, कई जगह कॉलेज, आत्मानंद स्कूल, हॉस्टल की मांग हो रही है।

नक्सल समस्या को हल करने के लिए आम लोगों का विश्वास जितना जरूरी है। अब हम लोगों तक पहुच रहे हैं, आय के साधन, रोजगार बढ़ा रहे हैं।

हम जल, जंगल, जमीन पर अधिकार देने का काम कर रहे हैं।टाटा द्वारा अधिग्रहित जमीन वापस की, अबूझमाड़ में पट्टे बंटे हैं, दंतेवाड़ा में आवागमन की सुविधा, राशन दुकान, सोलर लाइट, सब लग रहा है। नये स्कूल खुल रहे हैं।

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