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बकरीद पर जानवरों की नहीं अपने बच्चों की बलि दे

गाजियाबादउत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। इस बार उन्होंने बकरे की कुर्बानी पर विवादित बयान दिया है। गुर्जर ने कहा है कि देश में कोरोना का प्रकोप है, इसलिए बकरीद पर बलि न दें। अगर आपको बलि देना ही है, तो अपने बच्चों की बलि दें।

उन्होंने यह भी कहा कि बकरीद पर वह बलि नहीं होने देंगे। अगर कोई बलि देता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। भाजपा विधायक ने कहा कि पुराने दिनों में, सनातन धर्म में बलि दी जाती थी, लेकिन अब लोग बलि की जगह नारियल तोड़ते हैं। अब बकरी का वध नहीं किया जाता है। बलि का मतलब होता है पवित्र चीज को समर्पित करना, लोग अपने बच्चों की बलि नहीं करते, निरीह पशुओं को मारकर खाते हैं।

बलि देना ही है तो बच्चे की दें’


नंद किशोर गुर्जर ने कहा, ‘जिस तरह सनातन धर्म में पहले बलि दी जाती थी। अब नारियल फोड़ा जाता है। बकरा नहीं काटा जाता। कुर्बानी का मतलब अपनी कोई पवित्र चीज को समर्पित करने का नाम है। कोई अपने बच्चे की बलि नहीं देता।’ विधायक ने कहा कि इस्लाम मानने वालों से निवेदन है कि इस बार पशुओं की बलि न दें। अगर कोई नहीं मानता, उन्हें ज्यादा है तो अपने बच्चे की बलि दें। निरीह जीवों को बलि देना, मारना और खाना सही नहीं है।

होने नहीं देंगे पशुओं की बलि


लोनी विधायक न कहा, ‘जो बकरा मारकर खाएगा, वह अगले जन्म में बकरा बनेगा और लोग उन्हें मारकर खाएंगे। प्रकृति का नियम है, जो जैसा करता है, वैसा भरता है। ईमानदारी के साथ एक भी कुर्बानी न हो। शासन-प्रशासन इसका ध्यान रखें, ताकि कोरोना न फैले। कुर्बानी हुई तो कोरोना फैलेगा जो हम होने नहीं देंगे।’

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